चीन की धमकी को कोई तवज्जो दिए बिना पेलोसी मंगलवार रात अमेरिकी वायुसेना के विमान से ताइपे पहुंची थीं। उनकी यह यात्रा दुनियाभर की सुर्खियों में छा गई।
चीन से तनाव के बीच अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी बुधवार को यहां राष्ट्रपति और अन्य अधिकारियों से मुलाकात के बाद अपनी एशिया यात्रा के अगले पड़ाव की तरफ रवाना हो गई हैं। पेलोसी और पांच अन्य संसद सदस्य यहां से दक्षिण कोरिया के लिए रवाना हुए हैं।
China vs America: यह अभ्यास ऐसे समय में शुरू हुआ है, जब चीन के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार रात चेतावनी दी थी कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा का द्विपक्षीय संबंधों पर 'गंभीर असर' पड़ेगा क्योंकि यह क्षेत्र की शांति और स्थिरता को 'गंभीर रूप से कमजोर' करता है।
Foreign News: जिनपिंग ने बाइडेन को एक तरह से सीधी धमकी दे डाली। जिनपिंग ने कहा कि ‘मैं आपसे सिर्फ इतना कहूंगा कि जो लोग आग से खेलने की कोशिश करते हैं, वो जल जाते हैं।‘
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘अगर अमेरिका अपने रास्ते पर चलते रहने पर जोर देता है तो चीन इसका बलपूर्वक जवाब देगा और हम जो कहते हैं वही करेंगे।’
Xi Jinping Congratulate President Draupadi Murmu: नई राष्ट्रनायक को जहां श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बधाई दी, तो वहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इस होड़ में नजर आएं।
बीते साल पहली बार रिपोर्ट्स सामने आई थीं कि चीन राजनीतिक कैदियों और सरकार के खिलाफ रहने वाले लोगों के शरीर से जबरन अंग निकालकर उन्हें बेच रहा है। इन अंगों की काला बाजारी की जाती है।
BRICS Summit 2022: चीन में भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मेजबानी में बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन से पहले चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की।
BRICS Summit 2022: विदेश मंत्रालय के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अलावा 24 जून को मेहमान देशों के साथ वैश्विक विकास पर उच्चस्तरीय संवाद में भी हिस्सा लेंगे।
23 जून 2022 को चीन की राजधानी बीजिंग में 14वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। यह बैठक वर्चुअल होगी। इस बार ब्रिक्स समिट की मेजबानी की जिम्मेदारी चीन को मिली है। इस सम्मेलन में ब्रिक्स देश- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका भाग लेंगे।
China Special Military Operation: शी जिनपिंग के नए आदेश से चीनी सेना आसानी से विदेशों में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन को अंजाम दे सकेगी। इस आदेश से चीनी सेना की ताइवान पर हमले की आशंका और बढ़ गई है। वहीं अमेरिका की टेंशन भी बढ़ी है।
China Building Military Facility in Cambodia: दक्षिण चीन सागर के ठीक पश्चिमी में विशाल नौसैनिक युद्धपोतों को तैनात करने की क्षमता इस इलाके में चीन के प्रभाव बढ़ाने की महत्वाकांक्षा का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है।
PM Narendra Modi govt 8 years: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान इंडिया टीवी संवाद महासम्मेलन के पहले मेहमान रहे। आरिफ मोहम्मद ने कहा कि मोदीजी की सरकार में खास बात हुई वो ये है कि विकसित देशों ने भारत की क्षमता को स्वीकार किया।
अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को अपनी यह चिंता व्यक्त करने के लिए सोलोमन द्वीप समूह पहुंचा कि चीन दक्षिण प्रशांत स्थित इस देश में सैन्य बल भेज सकता है और क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है। यह यात्रा चीन और सोलोमन द्वीप समूह द्वारा इसकी पुष्टि किए जाने के कुछ दिनों बाद हुई है कि उन्होंने एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच अमेरिकी राष्टपति जो बाइडन और चीन के राष्टपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई। इस बातचीत में जिनपिंग ने बाइडन को इस मुद्दे पर अपना रूख स्पष्ट किया है।
बीजिंग। यूक्रेन के साथ बढ़ते तनाव के बीच, चीन ने शुक्रवार को रूस से सहमति जताते हुए नाटो के विस्तार का विरोध किया। वहीं मास्को ने परोक्ष रूप से क्वाड पर आपत्ति जताते हुए एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उसके (क्वाड के) संगठन बनाने के बीजिंग के विरोध का समर्थन किया।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अरुणाचल प्रदेश के निकट स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तिब्बती सीमावर्ती शहर न्यिंगची का दौरा किया।
शी के बयान ऐसे समय में आये हैं जब छह महीने से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति है।
चीन के दुस्साहस के पीछे राष्ट्रपति शी चिनफिंग की, आर्थिक नीतियों के खिलाफ असंतोष को थामने, मजबूत दिखने और अंतराष्ट्रीय स्तर पर कद बढ़ाने की लालसा जैसे पहलू हो सकते हैं ।
सतपाल महाराज ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग को प्राचीन ग्रंथ रामायण भेजकर संदेश देना चाहते हैं कि दशानन रावण की विस्तारवादी सोच के परिणाम स्वरूप ही उसका कैसा हश्र हुआ था।
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