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कांवड़ रूट पर नेमप्लेट लगाने पर बोले ओवैसी; 'छुआछूत को बढ़ावा दे रहे, यह आर्टिकल 17 का उल्लंघन'

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के रूट पर खाने की दुकानों में नाम लिखने के आदेश पर लगातार बवाल हो रहा है। सभी पार्टियों की मीटिंग के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यूपी सरकार छुआछूत को बढ़ावा दे रही है। यह आर्टिकल 17 का उल्लंघन है।

Edited By: Shakti Singh
Published : Jul 21, 2024 15:49 IST, Updated : Jul 21, 2024 15:49 IST
Asaduddin Owaisi- India TV Hindi
Image Source : PTI असदुद्दीन ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि यूपी सरकार छुआछूत को बढ़ावा दे रही है और यह संविधान के आर्टिकल 17 का उल्लंघन है। उत्तर प्रदेश में प्रशासन की तरफ से आदेश जारी किया गया है कि कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाली सभी दुकानों के मालिकों को अपना असली नाम दुकान के सामने लिखना होगा। प्रशासन के इस फैसले पर जमकर बवाल हो रहा है। 

शुरुआत में यह आदेश सिर्फ मुजफ्फरनगर के लिए था। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों का कहना है कि पूरे राज्य में यह आदेश जारी किया जाएगा और हर शहर में खाने की दुकान के मालिकों को अपना असली नाम दुकान के सामने लिखना होगा। उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही आदेश जारी किया गया था। हालांकि, बाद में प्रशासन ने यू टर्न लेते हुए कहा कि उन पर ऐसा करने का कोई दबाव नहीं है।

ओवैसी ने क्या कहा?

खाने की दुकान के सामने नाम लिखने के आदेश को लेकर सभी पार्टियों की मीटिंग हुई। इस बैठक के बाद असदुद्दीन औवसी ने कहा "हमने कहा कि अगर कोई सरकार संविधान के खिलाफ कोई आदेश पारित करती है, तो भारत सरकार को इसे संज्ञान में लेना चाहिए। ऐसा आदेश जारी करना अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है। वे छुआछूत को बढ़ावा दे रहे हैं। यह जीवन के अधिकार के खिलाफ है, आप आजीविका के खिलाफ हैं। कल कोई मुसलमान कहेगा कि वह रमजान में 30 दिन तक उपवास रखता है और 15 घंटे पानी नहीं पीता। क्या आप किसी को पानी नहीं देंगे? यह सिर्फ़ नफरत की निशानी है। मुसलमानों के साथ खुला भेदभाव है।"

यूपी प्रशासन ने क्या कहा?

उत्तर प्रदेश के अधिकारियों का कहना है कि कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को यह पता होना चाहिए कि वह किस दुकान से खाने-पीने का सामान खरीद रहे हैं। अगर दुकान के मालिक सामने अपना नाम लिखकर रखेंगे तो किसी भी तरह के विवाद कि आशंका कम होगी। सभी की सुविधा के लिए यह फैसला लिया गया है। कई मुस्लिम दुकानदारों ने भी इससे सहमति जताई है और दुकान के सामने अपना नाम लिखा है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि विवाद से बचने के लिए प्रशासन का फैसला सही है।

क्या है नियम?

मेरठ के बाट-माप विभाग के प्रभारी वी के मिश्रा के अनुसार खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अनुसार, प्रत्येक रेस्टोरेंट या ढाबा संचालक के लिए फर्म का नाम, अपना नाम और लाइसेंस नंबर लिखना अनिवार्य है। उनके अनुसार 'जागो ग्राहक जागो' योजना के तहत नोटिस बोर्ड पर मूल्य सूची भी लगाना अनिवार्य है।

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