Thursday, May 02, 2024
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बीजेपी सांसद राम शंकर कठेरिया को कोर्ट ने सुनाई दो साल की सजा, जा सकती है सांसदी

यूपी के इटावा से बीजेपी के सांसद राम शंकर कठेरिया को एमपी-एमएलए कोर्ट ने एक पुराने मामले में दो साल की सजा सुनाई है। साल 2011-12 में टोरेंट पॉवर कंपनी के दफ्तर में तोड़फोड़ के मामले में सजा सुनाई गई है।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Updated on: August 05, 2023 18:56 IST
Ramshankar Katheria- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO बीजेपी के सांसद राम शंकर कठेरिया

इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा से बीजेपी के सांसद राम शंकर कठेरिया को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने बीजेपी सांसद कठेरिया को धारा 147 और 323 के तहत दोषी करार दिया है। बता दें कि अदालत ने साल 2012 में एक मॉल के अंदर एक कंपनी में तोड़फोड़ के मामले में इटावा से भाजपा सांसद को दो साल की कैद की सजा सुनाई है। 

टोरेंट पॉवर कंपनी में तोड़फोड़ के केस में सजा

डॉ कठेरिया पर आरोप थे कि उन्होंने साल 2011-12 में टोरेंट पॉवर कंपनी के दफ्तर में तोड़फोड़ की थी। अब इस मामले में आज शनिवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है। दरअसल, आगरा के साकेत माल में टोरेंट पावर लिमिटेड का ऑफिस था। उस दौरान मैनेजर भावेश रसिक लाल शाह बिजली चोरी से संबंधित मामलों की सुनवाई और निस्तारण कर रहे थे। इसी दौरान स्थानीय सांसद राम शंकर कठेरिया के साथ आए 10 से 15 समर्थक भावेश रसिक लाल शाह के कार्यालय में घुस गए और उनके साथ मारपीट की। इस दौरान उन्होंने टोरेंट पॉवर कंपनी के ऑफिस में तोड़फोड़ भी की थी।

हाई कोर्ट में अपील करेंगे कठेरिया 
बता दें कि इस मामले में बीजेपी सांसद को धारा 147 के मामले में दो साल की सजा और धारा 323 में एक साल की सजा हुई है। राम शंकर कठेरिया इटावा विधानसभा से सांसद हैं। अदालत की ओर से सजा के ऐलान के बाद बीजेपी सांसद राम शंकर कठेरिया ने कहा कि मैं सामान्य रूप से अदालत के समक्ष पेश हुआ। कोर्ट ने आज मेरे खिलाफ फैसला दिया है। मैं न्यायालय का सम्मान करता हूं, मुझे अपील करने का अधिकार है और मैं इसका प्रयोग करूंगा।

जा सकती है कठेरिया की सांसदी
बता दें कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 के मुताबिक, दो साल या उससे ज्यादा सजा के मामले में सांसद या विधायक की सदस्यता रद्द हो सकती है। इसके अलावा सजा काटने के छह साल के दौरान चुनाव लड़ने पर भी रोक का प्रावधान है। अगर ऊपरी अदालत दोषी करार दिए जाने पर रोक नहीं लगाती है तो संसद सदस्यता जा सकती है। 

पहले भी चर्चा में रहे हैं कठेरिया
बता दें कि इससे पहले भी कठेरिया पर कथित तौर पर आगरा विश्वविद्यालय में नौकरी हासिल करने के लिए अपनी दो डिग्री मार्कशीट (बीए और एमए) में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा है। इस मामले की सुनवाई भी आगरा की अदालत में चल रही है। इसके अलावा कठेरिया के चुनावी हलफनामे में उनके खिलाफ 20 अन्य लंबित मामलों का जिक्र किया है।

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