Saturday, May 11, 2024
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सिर्फ आस्था ही नहीं आंकड़ों से भी भव्य है राम मंदिर, जानिए कैसे

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह पूरा हो गया है और इसके साथ ही लोगों का सदियों पुराना इंतजार भी खत्म हो गया है। लेकिन राम मंदिर जितना दिव्य और भव्य है, इस मंदिर का डिजाइन भी उतना ही खास है। इसका अंदाजा मंदिर के डिजाइन से संबंधित आंकड़ों से लगाया जा सकता है।

Swayam Prakash Written By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: January 22, 2024 21:28 IST
ram mandir- India TV Hindi
Image Source : X बेहद खास है अयोध्या में राम मंदिर का डिजाइन

495 सालों के लंबे इंतजार के बाद रामलला भव्य दिव्य बाल रुप में अपने गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला की पूजा-अर्चना की और इसके बाद मूर्ति पूजा का अनुष्ठान पूरा किया गया। प्रभु राम की छवि जितनी दिव्य है, उनका मंदिर जितना भव्य है, उतना ही शानदार इस मंदिर का डिजाइन भी है। मंदिर की दीवारों और छतों पर शानदार नक्काशी की गई है। मंदिर कितना भव्य है, इसका अंदाजा राम मंदिर से जुड़े आंकड़ों से भी लग रहा है। 

मंदिर के चारों कोनों में 4 मंदिर

प्रभु श्रीराम का ये मंदिर 2.77 एकड़ में फैला है। मंदिर परिसर के चारो कोनों में 4 मंदिर स्थापित किए गए हैं। पहला मंदिर गणेश भगवान का है, दूसरे मंदिर में देवी भगवती विराजमान हैं। तीसरे में भगवान शिव और चौथे में सूर्यदेव की प्रतिमा है। मंदिर का परकोटा 732 मीटर है। जबकि मंदिर की लंबाई 380 फीट और चौड़ाई 250 फीट है। वहीं मंदिर की ऊंचाई 161 फीट है। मंदिर में 3 फ्लोर हैं। हर फ्लोर की ऊंचाई 20 फीट है। ग्राउंड फ्लोर पर रामलला का गर्भगृह है, जहां वो बाल स्वरुप में विराजमान हैं। ग्राउंड फ्लोर में 160 खंभे भी बनाये गए हैं, जिसपर मंदिर की छत टिकी है।

मंदिर में प्रवेश द्वार पर 32 सीढ़ियां

राम मंदिर के प्रवेश द्वार को 'सिंह द्वार' भी कहा जाता है। मंदिर में प्रवेश के लिए सिंह द्वार की 32 सीढ़ियों को चढ़कर जाना होगा। 32 सीढ़ियों की ऊंचाई कुल 16.5 फीट है। मुख्य द्वार पर द्वारपाल के रूप में जय-विजय की मूर्तियां भी लगाई गई हैं। सीढ़ियों से गर्भगृह की तरफ बढ़ने पर सबसे पहले नृत्यमंडप है, इसमें 8 स्तंभ हैं। नृत्यमंडप से गर्भगृह की तरफ बढ़ने पर रंगमंडप है। इनके बीच चार स्तंभों पर गणपति विराजमान हैं। सभा मंडप के चार स्तंभों पर गणपति की मूर्तियां हैं। सभा मंडप के ठीक सामने गर्भगृह है, जिसमें स्वर्णजडि़त द्वार से होकर रामलला के दर्शन होंगे। मंदिर में चढ़ने के लिए दिव्यांगजन और वृद्धजनों के लिए रैम्प और लिफ्ट का भी इंतजाम किया गया है। 

दरवाजों पर 100 किलो सोने की परत 

मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर 12 द्वार हैं। वहीं ग्राउंड फ्लोर पर 14 दरवाजे हैं और सभी पर सोने की परत चढ़ाई गई है। मंदिर के गर्भगृह में लगे सोने के दरवाजे की ऊंचाई करीब 12 फीट जबकि इसकी चौड़ाई 8 फीट है। तीनों फ्लोर मिलाकर मंदिर में कुल 46 दरवाजे होंगे, जिसमें 42 पर 100 किलो सोने की परत चढ़ेगी। जबकि सीढ़ियों के पास 4 दरवाजे हैं जिन पर सोने की परत नहीं चढ़ाई गई है। पूरे मंदिर को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि जो भी श्रद्धालु आएं, वे कम से कम 1 घंटे तक परिसर में रुकें।

प्रथम तल पर हैं कुल 132 खंभे

मंदिर के प्रथम तल पर 132 खंभों का निर्माण किया गया है। गर्भगृह के ठीक ऊपर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का दरबार होगा। यहीं पर सिंहासन लगेगा जिसपर रामलला, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ भगवान श्रीराम राजा के रूप में विराजेंगे। यहीं हनुमान जी भी बैठे नजर आएंगे। फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार के अलावा दूसरे मंदिर भी बन रहे हैं। इसके चारों तरफ बालकनी बनाई गई है, जहां से श्रद्धालु पूरी अयोध्या को देख सकेंगे।

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