Sunday, April 28, 2024
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मेरठ मेडिकल कॉलेज में 60 गर्भवती महिलाओं में HIV संक्रमण की पुष्टि, 35 बच्चों का हुआ जन्म

मेरठ सीएमओ के मुताबिक एचआईवी पॉजिटिव जिन महिलाओं शिशुओं को जन्म दिया है वह पूरी तरह स्वस्थ है। उन्होंने कहा, घबराने की बात नहीं है। उपचार के द्वारा ऐसी महिलाओं और बच्चों का विशेष ख्याल रखा जाता है।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: August 05, 2023 12:40 IST
pregnant woman- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO प्रतिकात्मक तस्वीर

मेरठ (उप्र): मेरठ मेडिकल कॉलेज के एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) सेंटर में 60 एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं की पुष्टि हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक इनमें से अब तक 35 महिलाओं का प्रसव हो चुका है। एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है। एआरटी डिपार्टमेंट द्वारा जच्चा-बच्चा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। बता दें कि लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज मेरठ में एएनएम द्वारा गर्भवती स्त्रियों की सामान्य जांच करवाने पर यह खुलासा हुआ कि मात्र 16 महीनों में 60 महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव है। एएनएम ने इन महिलाओं का एंटी रेट्रोवायरल में पंजीकरण कराया, जिसमें से 35 महिलाएं बेबी को जन्म दे चुकी हैं।

16 महीने के अंदर 46 नए HIV केस

60 गर्भवती महिलाओं के HIV पॉजिटिव होने की सूचना पर मेरठ मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया। मेरठ मेरठ मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO अखिलेश मोहन ने बताया कि यह महिलाएं सिर्फ मेरठ की नहीं है, आसपास के जिलों की भी हैं। कुछ महिलाएं पहले से ही इस गंभीर रोग से ग्रसित थी। बीते 16 माह के अंदर 46 नए केस एचआईवी के आए हैं। जबकि 35 केस पहले से मेरठ मेडिकल कॉलेज में रजिस्टर्ड है। इस तरह से अब एचआईवी पीड़ितों की संख्या 81 हो गई है। हालांकि, इन महिलाओं ने कितने शिशुओं को जन्म दिया है, इसकी मेरठ मेडिकल कॉलेज प्रशासन और मेरठ सीएमओ ने पुष्टि नहीं की है।

35 बच्चों का 18 महीने बाद फिर होगा टेस्ट
ये आंकड़ा केवल मेरठ जिले का नहीं है, मेरठ से सटे कई जिलों की गर्भवती महिलाओं का है। मेरठ मेडिकल कॉलेज में एआरटी विभाग है, जिसके चलते यहां से पीड़ितों को उपचार मिल रहा है। मेरठ सीएमओ के मुताबिक एचआईवी पॉजिटिव जिन महिलाओं शिशुओं को जन्म दिया है वह पूरी तरह स्वस्थ है। उन्होंने कहा, घबराने की बात नहीं है। उपचार के द्वारा ऐसी महिलाओं और बच्चों का विशेष ख्याल रखा जाता है। मां के संक्रमण से बच्चे को बचाने के लिए विशेष तरीके के उपचार और प्रसव पद्धति को अपनाया जा रहा है। वहीं 35 जन्मे बच्चों का 18 महीने बाद फिर टेस्ट करके जांच की जाएगी कि वह एचआईवी पॉजिटिव है या नेगेटिव।

मेरठ सीएमओ मोहन का कहना है कि एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बनाये रखने की आवश्यकता होती है, यदि कोई महिला संक्रमण से ग्रसित है तो वह एआरटी विभाग मेरठ मेडिकल कॉलेज में पंजीकरण कराकर बच्चे को जन्म दे सकती है, इसमें घबराने की जरूरत नही है।

(रिपोर्ट- हिमा अग्रवाल)

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