Tuesday, April 30, 2024
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Uniform Civil Code: मौलाना अरशद मदनी के बाद तौकीर रजा ने दी धमकी-'हमने चूड़ियां नहीं पहनीं'

यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सियासत गरमा गई है। मौलाना अरशद मदनी के बाद अब मौलाना तौकीर रजा ने भी तीखा बयान दिया है। इसके साथ ही विपक्षी पार्टियों ने भी इसे लेकर सरकार को घेरा है।

Kajal Kumari Edited By: Kajal Kumari
Updated on: June 17, 2023 10:51 IST
maulana tauqeer raza statement- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO मौलाना तौकीर रजा का बयान

Uniform Civil Code: उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड, समान नागरिक संहिता लागू किया जाएगा। इसके लिए करीब दो लाख 31 हजार सुझावों पर अंतिम मुहर लग गई है लेकिन इसे लेकर अब सियासी बयानबाजी तेज होती जा रही है। एक तरफ विपक्ष भी इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है तो वहीं इसपर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कड़ा विरोध जताया है। पहले मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि 1300 साल से किसी सरकार ने मुस्लिम पर्सनल लॉ नहीं छेड़ा। वहीं इसके बाद अब मौलाना तौकीर रजा ने  उत्तराखंड के धामी सरकार को धमकी दी है।

तौकीर रजा ने दी धमकी-हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं

बरेली वाले इत्तेहाद-ए- मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने इसे बीजेपी का चुनावी स्टंट करार दिया। उन्होंने कहा कि चुनावी फायदे के लिए बीजेपी ये सब कर रही है। मौलाना तौकीर रजा ने धमकी देते हुए कहा, "हमने भी चूड़ियां नहीं पहन रखी है। अगर सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया तो हम उत्तराखंड सरकार का घेराव करेंगे।" 

 मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता का कड़ा विरोध किया है और कहा है कि देश के लिए यह अनावश्यक, अव्यावहारिक और हानिकारक है। बोर्ड ने इसे लेकर केंद्र सरकार को नसीहत दी है कि संसाधनों को बर्बाद करके देश में फूट का कारण ना बनें।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने  प्रेस नोट जारी किया

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मामले में एक प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें लिखा है-हमारा देश बहु-धार्मिक, बहु-सांस्कृतिक और बहु-भाषाई है और यही विविधता इसकी खास पहचान है। देश के संविधान निर्माताओं ने इसी विशिष्टता को ध्यान में रखते हुए धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता को मौलिक अधिकार के रूप में संरक्षण दिया है। इसके अलावा, संविधान के अनुच्छेद 371-A और 371-G में उत्तर-पूर्वी राज्यों के आदिवासियों को गारंटी दी गई है कि संसद ऐसा कोई भी कानून नहीं बनाएगी जो उनके फैमिली कानूनों को निरस्त करता हो।

विपक्षी दलों ने भी दी प्रतिक्रिया

सिर्फ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ही नहीं, मुस्लिम उलेमाओं और धर्मगुरुओं ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर विरोध की आवाज तेज कर दी है। विपक्षी दलों ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को बीजेपी और RSS का एजेंडा बताते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। कांग्रेस जहां इसे असल मुद्दों से देश का ध्यान भटकाने का आरोप लगा रही है,.तो लेफ्ट पार्टियां भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को RSS का एजेंडा बता रही हैं।

कांग्रेस ने बतया, पॉलिटिकल एजेंडा

शशि थरूर ने कहा है कि,ये पॉलिटिकल एजेंडा लग रहा है क्योंकि देश में सिर्फ एक ही राजनीतिक दल है जिसके मेनिफेस्टो में लगातार यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात रहती है वो बीजेपी है। नेहरू जी ने खुद दशकों पहले इसे DESIRABLE बताया था लेकिन इसे लोगों पर थोप नहीं सकते, आपको सबको साथ लेकर चलना है। हमारे सामने कई अहम मुद्दे हैं जिसपर देश में आज फोकस करने की जरूरत है। थरूर ने कहा देश में बेरोजगारी है, नौकरी की कमी है, आम लोगों के लिए जरूरी चीजें है। सरकार को इन मुद्दों से भटकाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए और जो लोगों के लिए जरूरी है उसपर फोकस होना चाहिए।

राजद ने कहा-मुद्दों से ध्यान भटकाने की कवायद

सिर्फ कांग्रेस और लेफ्ट ही नहीं, लालू की पार्टी RJD भी यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरोध में खड़ी हो गई है। पार्टी का कहना है कि आज देश के सामने जब महंगाई और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों पर रोडमैप की जरूरत है, तब सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड के अपने एजेंडे को पूरा करने में जुटी है।

विपक्षी दल यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर शुरू हुई लॉ कमीशन की कवायद को आने वाले विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव से भी जोड़ रहे हैं। उनका आरोप है कि हिंदू वोट बैंक के लिए बीजेपी का ये सारा खेल है।

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