Friday, March 29, 2024
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म्यांमार: पोप ने सभी के लिए अधिकार मांगे, ‘रोहिंग्या’ का जिक्र नहीं किया

फ्रांसिस ने राजधानी में म्यांमार की नेता आंग सान सू की और अन्य अधिकारियों तथा राजनयिकों की मौजूदगी में अपने भाषण में सैन्य अभियान का जिक्र नहीं किया...

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 28, 2017 20:27 IST
Pope in Myanmar | AP Photo- India TV Hindi
Pope in Myanmar | AP Photo

ने पी ताव: पोप फ्रांसिस ने सोमवार को रोहिंग्या मुसलमानों का परोक्ष रूप से समर्थन करते हुए जोर देकर कहा कि म्यांमार का भविष्य हर जातीय समूह के अधिकारों के सम्मान पर निर्भर करता है। रोहिंग्या मुस्लिम दशकों से भेदभाव और हालिया सैन्य अभियान का शिकार हुए हैं। इस सैन्य अभियान को संयुक्त राष्ट्र ने ‘जातीय सफाया’ करार दिया है।

फ्रांसिस ने राजधानी में म्यांमार की नेता आंग सान सू की और अन्य अधिकारियों तथा राजनयिकों की मौजूदगी में अपने भाषण में सैन्य अभियान का जिक्र नहीं किया और ना ही ‘रोहिंग्या’ शब्द बोला। लेकिन उन्होंने दुख प्रकट किया कि किस तरह म्यांमार के लोग असैन्य संघर्षों तथा परेशानियों से पीड़ित रहे और अब भी पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि हर कोई जो म्यांमार को अपना घर कहता है, वह मूलभूत मानवाधिकारों तथा गरिमा का हकदार है।

म्यांमार और बांग्लादेश के करीब एक सप्ताह के दौरे के बहुप्रतीक्षित भाषण में फ्रांसिस ने दशकों की सैन्य तानाशाही के बाद विभिन्न समुदायों के बीच सामन्जय बैठाने के लिए सू ची के प्रयासों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बौद्ध बहुल देश में धार्मिक विविधताएं अविश्वास या विभाजन का कारण नहीं बननी चाहिए।

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