Saturday, April 27, 2024
Advertisement

नेपाल ने FM रेडियो के जरिए शुरू किया भारत विरोधी दुष्प्रचार

भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाली भूभाग बताने वाले अपने दावे को मजबूत करने के लिए नेपाल अब भारत के साथ लगती सीमा के पास अपने एफएम रेडियो चैनलों के जरिए भारत विरोधी दुष्प्रचार कर रहा है।

Bhasha Written by: Bhasha
Updated on: June 21, 2020 17:46 IST
Nepal- India TV Hindi
Image Source : AP Representational Image

पिथौरागढ़. भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाली भूभाग बताने वाले अपने दावे को मजबूत करने के लिए नेपाल अब भारत के साथ लगती सीमा के पास अपने एफएम रेडियो चैनलों के जरिए भारत विरोधी दुष्प्रचार कर रहा है। सीमा के पास रह रहे भारतीय गांवों के निवासियों का कहना है कि नेपाली चैनलों द्वारा प्रसारित गीत आधारित या अन्य कार्यक्रमों के बीच में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा क्षेत्रों को वापस किये जाने की मांग करने वाले भारत-विरोधी भाषण दिए जा रहे हैं।

जिले के धारचूला सबडिवीजन के दांतू गांव की निवासी शालू दताल ने बताया, ‘‘कुछ नेपाली एफएम चैनलों ने हाल में नेपाली गीतों के बीच में भारत विरोधी भाषण चलाना शुरू किया है। चूंकि सीमा के दोनों तरफ के लोग नेपाली गाने सुनते हैं, इसलिए वे उनके बीच में प्रसारित किए जा रहे नेपाली नेताओं के भारत विरोधी भाषणों को भी सुनते हैं।’’

दताल ने बताया कि नेपाली गीतों के बीच में भारत विरोधी भाषणों का प्रसारण करने वाले प्रमुख चैनल नया नेपाल और कालापानी रेडियो हैं। उन्होंने कहा, "कुछ पुराने चैनल जैसे मल्लिकार्जुन रेडियो और वेबसाइटस जैसे अन्नपूर्णा डॉट आनलाइन भी कालापानी को नेपाली भूभाग बताते हुए खबरें दे रहे हैं। ये सभी एफएम चैनल नेपाल में दारचुला जिला मुख्यालय के पास चाबरीगर में स्थित हैं। इन एफएम चैनलों की रेंज तीन किलोमीटर तक की है, जो भारत में धारचूला, बलुआकोट, जौलजीबी और कालिका शहरों में सुने जा सकते हैं।"

धारचूला में एक प्रमुख नेता कृष्णा गर्बियाल ने बताया कि इन नेपाली चैनलों ने हाल में ही कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाली भूभाग मानते हुए उनकी मौसम रिपोर्ट भी देना शुरू कर दिया है। हालांकि, इस बारे में पूछे जाने पर पिथौरागढ़ जिला प्रशासन और पुलिस ने अनभिज्ञता प्रकट की। पिथौरागढ़ की पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शिनी ने कहा, ‘‘हमारे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है। इस विषय पर हमें अपनी खुफिया इकाइयों से कोई खबर नहीं मिली है।’’

धारचूला के सर्किल अधिकारी वीके आचार्य ने भी इस मसले पर अपनी अनभिज्ञता जतायी और कहा कि खुफिया तंत्र से नेपाल द्वारा चलाये जा रहे भारत विरोधी दुष्प्रचार के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। व्यास घाटी के एक प्रमुख स्थानीय नेता अशोक नबियाल ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर सक्रिय भारतीय खुफिया एजेंसियों को स्थिति का संज्ञान लेना चाहिए, जिससे नेपाल के भारत विरोधी दुष्प्रचार का मुकाबला किया जा सके। उल्लेखनीय है कि नेपाली संसद ने हाल ही में एक नए आधिकारिक मानचित्र को मंजूरी दी है जिसमें कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाली भूभाग के रूप में दर्शाया गया है।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement