Wednesday, April 24, 2024
Advertisement

सऊदी अरब और UAE की नाराजगी से छूटे पाकिस्तान के पसीने, मुस्लिम सम्मेलन से खुद को किया अलग

कई दिनों की ऊहापोह के बाद पाकिस्तान ने मंगलवार को ऐलान किया कि वह मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में हो रहे मुस्लिम सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 19, 2019 6:56 IST
Malaysia Muslim summit, Malaysia Muslim summit Pakistan, Pakistan- India TV Hindi
सऊदी अरब और UAE की नाराजगी से छूटे पाकिस्तान के पसीने, मुस्लिम सम्मेलन से खुद को किया अलग | Facebook

इस्लामाबाद: कई दिनों की ऊहापोह के बाद पाकिस्तान ने मंगलवार को ऐलान किया कि वह मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में हो रहे मुस्लिम सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा। पाकिस्तान ने कहा कि सम्मेलन को लेकर कुछ मुद्दे हैं और वह नहीं चाहता कि मुस्लिम देशों में कोई मतभेद पैदा हो। लेकिन, पाकिस्तान से सम्मेलन से दूर रहने की वजह इसे लेकर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की नाराजगी को माना जा रहा है। ये दोनों देश इस सम्मेलन का हिस्सा नहीं हैं और पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली को कम करने में इन देशों की मदद का हाथ रहता है। 

सऊदी से लौटने के बाद इमरान ने किया ऐलान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सऊदी अरब गए और वहां से लौटने के बाद ऐलान किया कि वह कुआलालंपुर नहीं जा रहे हैं। बाद में साफ हुआ कि पाकिस्तान से कोई नहीं जा रहा है। सऊदी अरब और यूएई को इस बात का अंदेशा है कि कुआलालंपुर में बुधवार से शुरू हुआ मुस्लिम देशों का सम्मेलन सऊदी अरब स्थित आर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) के समानांतर एक नया संगठन खड़ा करने का प्रयास है। इसमें सऊदी अरब और यूएई से अच्छे संबंध नहीं रखने वाले ईरान, कतर और एक हद तक तुर्की की भी खास भूमिका ने इन दोनों देशों को चौकन्ना कर दिया। 

पाकिस्तान पर डाला गया सम्मेलन में जाने का दबाव
सऊदी और यूएई की तरफ से पाकिस्तान पर दबाव डाला गया और आर्थिक हितों को देखते हुए उसे इन देशों की बात माननी पड़ी। खास बात यह है कि इस सम्मेलन की रूपरेखा बनाने में इमरान खान, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप एर्दोगान और मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद के साथ सबसे आगे रहे थे। इमरान ने महाथिर को फोन कर आने में असमर्थता जता दी। इसका खुलासा खुद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने किया। इमरान की जगह उन्हें ही मलेशिया जाना था जो दौरा बाद में कैंसिल हो गया। कुरैशी ने कहा कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को कुआलालंपुर सम्मेलन को लेकर कुछ चिंताएं हैं। 

‘सम्मेलन में भाग लेने की इजाजत के लिए नहीं गए थे’
कुरैशी ने कहा कि सऊदी अरब और यूएई को आशंका है कि इससे मुस्लिमों के बीच विभाजन पैदा हो सकता है और यह ओआईसी के समानांतर खड़ा हो सकता है। उन्होंने कहा कि इन बातों के मद्देनजर यह तय किया गया था कि पाकिस्तान पहले सऊदी अरब और मलेशिया के बीच के संबंधों को बेहतर करने का प्रयास करे और अगर ऐसा न हो सके तो फिर सम्मेलन में भाग न ले। उन्होंने कहा कि इमरान की सऊदी अरब की यात्रा इन दोनों देशों के बीच रिश्तों का पुल बनाने के लिए थी न कि सम्मेलन में भाग लेने की इजाजत लेने के लिए। (IANS)

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement