Friday, May 03, 2024
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पाकिस्तान: ISI के गुर्गों ने किया भारतीय डिप्लोमैट गौरव अहलूवालिया की कार का पीछा, देखिए वीडियो

पाकिस्तान में भारतीय डिप्लोमैट गौरव अहलूवालिया को जानबूझकर परेशान करने का प्रयास किया गया है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 04, 2020 20:06 IST
Pakistan- India TV Hindi
Image Source : ANI VIDEO GRAB Vehicle of India's Chargé d'affaires Gaurav Ahluwalia was chased by a Pakistan's Inter-Services Intelligence (ISI) member.

इस्लामाबाद. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से बड़ी खबर है। पाकिस्तान में भारतीय डिप्लोमैट गौरव अहलूवालिया को जानबूझकर परेशान करने का प्रयास किया गया है। ISI ने गौरव अहलूवालिया के घर के बाहर कारों और बाइकों पर बड़ी संख्या में लोगों को जमा किया हुआ है, जिनमें से कई लोगों ने घर से निकलते ही उनका पीछा किया।

जासूसी करते मिले थे पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी, भारत ने भेजे वापस

भारत द्वारा हाल ही में पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अधिकारियों को जासूसी के आरोप में वापस भेजा है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि जासूसी के आरोपों में भारत द्वारा पाकिस्तान उच्चायोग के ‘अवांछित’ करार दिए गए दो अधिकारियों की मंशा रेलगाड़ियों से सेना की इकाइयों की आवाजाही का विस्तृत ब्यौरा हासिल करना था। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने मध्य दिल्ली के करोल बाग से दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने दो अधिकारियों आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर को पकड़ा था। वे धन के बदले एक भारतीय नागरिक से भारत के सुरक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज हासिल कर रहे थे।

पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में पता चला कि हुसैन कई फर्जी पहचान के माध्यम से काम करता है और संगठनों एवं विभागों के लोगों को लालच देता है। उसने भारतीय रेलवे में काम करने वाले एक व्यक्ति से संपर्क साधने के लिए खुद को मीडियाकर्मी का भाई गौतम बताया। अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी (दिल्ली पुलिस) अनिल मित्तल ने बताया कि उसने यह कहकर विश्वास जीतने का प्रयास किया कि उसका भाई भारतीय रेलवे पर एक खबर कर रहा है जिसके लिए उसे रेलगाड़ियों की आवाजाही के बारे में सूचना चाहिए।

बहरहाल, पुलिस ने बताया कि उसकी वास्तविक मंशा रेल कर्मचारी को लालच देना और जाल में फंसाना था और फिर रेलगाड़ियों के माध्यम से सेना की इकाइयों और साजो-सामान की आवाजाही के बारे में सूचना हासिल करना था। विदेश मंत्रालय ने रविवार को जारी बयान में कहा, ‘‘सरकार ने दोनों अधिकारियों को अवांछित करार दिया है और उनसे 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने के लिए कहा गया है।’’

सूत्रों ने बताया कि अधिकारी पाकिस्तान उच्चायोग के वीजा शाखा में काम करते थे और पूछताछ के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि वे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करते थे। सूत्रों ने यह भी बताया कि दस्तावेज मुहैया कराने के लिए दोनों अधिकारी उस व्यक्ति को भारतीय मुद्रा और आईफोन दे रहे थे। सूत्रों ने बताया कि शुरू में उन्होंने खुद को भारतीय नागरिक बताया और अपने फर्जी आधार कार्ड भी दिखाए। दिल्ली पुलिस ने 2016 में एक जासूसी गिरोह का भंडाफोड़ किया था जिसमें पाकिस्तान उच्चायोग का कर्मचारी महमूद अख्तर शामिल था। वह भारत-पाकिस्तान सीमा पर बीएसएफ की तैनात के बारे में सूचना हासिल करने में संलिप्त था। भारत ने जासूसी करने के कारण उसे देश से निकाल दिया था।

With inputs from Bhasha

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