Thursday, March 28, 2024
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रूस की सियासत में बहुत खतरनाक है चाय! कई नेताओं की जा चुकी है जान

साल 2018 में ब्रिटेन ने रूस की मिलिट्री इंटेलिजेंस पर आरोप लगाया कि उन्होंने नोविचोक देकर रूस के पूर्व जासूस सर्जेई स्क्रीपल (Sergei Skripal) को मार डाला। Novichok एक रासायनिक हथियार है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 21, 2020 20:02 IST
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मास्को. रूस में व्लादिमीर पुतिन के विरोधी आजकल चाय से बहुत ख़ौफज़दा है । सवाल ये है कि चाहे रुस हो या ब्रिटेन, पुतिन के विरोधी चाय की मौत ही क्यों मरते हैं। रूस में पुतिन का विरोध करने वाले नेता एलेक्‍सी नवलनी को चाय में जहर देकर मारने की कोशिश की गई है। फिलहाल एलेक्‍सी कोमा में हैं और अस्पताल में मौत से लड़ रहे हैं। एलेक्‍सी की प्रवक्ता के मुताबिक साइबेरिया से मास्‍को लौटने के दौरान फ्लाइट में अचानक एलेक्सी की तबियत बिगड़ गई जिसकी वजह से इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी।

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प्रवक्ता ने बताया कि फ्लाइट में बैठने से पहले एलेक्सी ने ओमस्क एयरपोर्ट पर एक चाय पी थी, इसके अलावा कुछ और खाया-पिया नहीं था। इसलिए एलेक्सी के समर्थक इस घटना को बहुत बड़ी साजिश मान रहे हैं और इसका सीधा आरोप रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन पर लगा रहे हैं। वैसे रूस की सियासत में पुतिन के विरोधियों को चाय पिलाकर मारना कोई नई बात नहीं है लेकिन इस लिस्ट में सबसे पहले बात एलेक्सी नवलनी की। 

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एलेक्सी नवलनी, जिन्हे रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कट्टर विरोधी माना जाता है। पेशे से वकील एलेक्सी ने कई बार पुतिन के विरोध में रैलियां की हैं। जिसके बाद उनपर हमले भी हुए हैं लेकिन इसके बाद भी एलेक्सी कभी पुतिन से नहीं डरे। कुछ महीने पहले पुतिन सरकार का विरोध करने आरोप में जेल भी गये थे। फिलहाल एलेक्सी साइबेरिया में एक स्थानीय चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के प्रचार के लिए गए थे।

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कहा जाता है कि रूस की सियासत में जिनसे व्लादिमीर पुतिन का विरोध किया वो रास्ते से हटा दिया गया, कभी चाय पिलाकर तो कभी जेल की सलाखों के पीछे डलवाकर। पुतिन का विरोध करने वाले लोग मानते हैं कि ज़हरीली चाय पुतिन के विरोधियों को ख़त्म करने का हथियार बन गई है। 

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इससे पहले व्लादिमीर पुतिन के विरोधी एलेक्जेंडर लिटविनेन्को को भी 2006 में ज़हरीली चाय पिलाकर मौत की नींद सुला दिया गया था। एलेक्जेंडर की चाय में रेडियो एक्टिव पदार्थ मिले थे। एलेक्जेंडर रूस के पूर्व जासूस थे जिन्हें सरकार विरोधी होने की वजह से रूस निकाल दिया था। इसी तरह साल 2018 में रूस में न्यूज वेबसाइट चलाने वाले एक्टिविस्ट प्योत्र वर्जिलोफ (Pyotr Verzilov) को मास्को में ज़हर देकर मारने की कोशिश की गई थी। प्योत्र का अचानक से दिखना और सुनना बंद हो गया था जिसके बाद उन्हें मास्को के एक अस्पताल ले जाया गया। फिर उन्हें कुछ दिनों जर्मनी ले जाया गया जहां डॉक्टरों को प्योत्र को जहर देने की बात कही थी। 

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साल 2018 में ब्रिटेन ने रूस की मिलिट्री इंटेलिजेंस पर आरोप लगाया कि उन्होंने नोविचोक देकर रूस के पूर्व जासूस सर्जेई स्क्रीपल (Sergei Skripal) को मार डाला। Novichok एक रासायनिक हथियार है। कहा जाता है कि रूस में पुतिन सरकार के खिलाफ़ विरोध करने वालों पर ख़ास नज़र रखी जाती है। किसे, कब और कैसे सबक सिखाना है ये रूस के प्रशासन को अच्छी तरह आता है। 

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पिछले महीने रूस के शहर खबरोव्स्क (Khabarovsk) में लोगों ने पुतिन सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया था। लोगों का आरोप था कि शहर के गवर्नर सर्जेई फुर्गाल (Sergei Furgal ) को झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया गया। दरअसल चुनावों में सर्जेई फुर्गाल ने पुतिन समर्थक उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया था। जिसकी वजह से सर्जेई राष्ट्रपति पुतिन की विरोधियों की लिस्ट में शामिल हो गए। अपने विरोधियों को सियासत से चित्त करने के बजाये रास्ते से हटाना रूस की राजनीति का नया हथियार बनता गया है। 

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