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चीन है कि मानता नहीं! ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर फिर किया सैन्य अभ्यास; दी चेतावनी

चीन ने एक बार फिर ताइवान को घेरकर सैन्य अभ्यास किया है। चीन इससे पहले भी इस तरह के युद्धाभ्यास कर चुका है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन की इस हरकत को उकसावे वाली कार्रवाई बताया है।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published : Oct 14, 2024 11:59 IST, Updated : Oct 14, 2024 14:33 IST
China Military Exercises Near Taiwan- India TV Hindi
Image Source : AP China Military Exercises Near Taiwan

ताइपे: चीन और ताइवान के बीच किस तरह की खींचतान है इससे पूरी दुनिया वाकिफ है। इस बीच चीन ने सोमवार को एक बार फिर ताइवान और उसके बाहरी द्वीपों के आसपास बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया है। चीन ने इस सैन्य अभ्यास को ताइवान की स्वतंत्रता के खिलाफ चेतावनी बताया है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह अभ्यास ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के बीजिंग की उन मांगों को मानने से इनकार करने की प्रतिक्रिया है कि ताइवान खुद को कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के तहत चीन के हिस्से के रूप में स्वीकार करे। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इन अभ्यासों को उकसावा बताया और कहा कि उसकी सेना जवाब देने के लिए तैयार है। 

मिसाइल कोर ने भी सैन्य अभ्यास में लिया भाग

चीन के पूर्वी थिएटर कमान के प्रवक्ता नेवी सीनियर कैप्टन ली शी ने कहा कि अभ्यासों में नौसेना, वायु सेना, मिसाइल कोर ने भाग लिया। ली ने एक बयान में कहा, ‘‘यह उन लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है जो ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं, हमारी राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा हमारे दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।’’ 

China Military Exercise

Image Source : FILE AP
China Military Exercise

ताइवान ने क्या कहा

चीन के सैन्य अभ्यास से चार दिन पहले ताइवान ने अपने राष्ट्रीय दिवस पर अपनी सरकार की स्थापना का जश्न मनाया था जिसमें ताइवान के राष्ट्रपति ने कहा था कि चीन को ताइवान का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है और उन्होंने ‘कब्जे या अतिक्रमण का विरोध’ करने की अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की थी। ताइवान की सुरक्षा परिषद के महासचिव जोसेफ वू ने ताइपे में कहा, ‘हमारी सेना चीन की धमकी से निश्चित तौर पर उचित तरीके से निपटेगी। अन्य देशों को बल प्रयोग कर धमकाना शांतिपूर्ण तरीके से विवादों को हल करने की संयुक्त राष्ट्र चार्टर की मूल भावना का उल्लंघन करता है।’

चीन कहता रहा है यह बात  

चीन का कहना है कि ताइवान को चीन की मुख्य भूमि के साथ फिर एकीकृत किया जाना चाहिए, भले ही इसके लिए बल का इस्तेमाल क्यों ना करना पड़े। चीन पहले भी कह चुका है कि पीएलए राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के मिशन पर काम कर रही है। सेना तरह से तैयार, अत्यधिक सतर्क है और “ताइवान की स्वतंत्रता” के किसी भी अलगाववादी प्रयास का मुकाबला करने और विदेशी हस्तक्षेप को विफल करने के लिए दृढ़ कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी। द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में चीन के साथ एकीकृत होने से पहले ताइवान एक जापानी उपनिवेश था। 

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