Saturday, April 27, 2024
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देश की कोई सरकार जो अब तक नहीं कर पाई...वो करने युगांडा और मोजाम्बिक जा रहे विदेश मंत्री एस जयशंकर

आजादी के बाद से देश में अब तक कई दलों की सरकारें बनी और बिगड़ी, मगर वह इतिहास नहीं बन सका जो अब बनने जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने छह दिवसीय युगांडा और मोजांबिक की यात्रा पर वही इतिहास बनाने जा रहे हैं, जिसे अब तक देश की कोई सरकार नहीं कर पाई थी।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: April 09, 2023 16:23 IST
एस जयशंकर, विदेश मंत्री- India TV Hindi
Image Source : PTI एस जयशंकर, विदेश मंत्री

आजादी के बाद से देश में अब तक कई दलों की सरकारें बनी और बिगड़ी, मगर वह इतिहास नहीं बन सका जो अब बनने जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने छह दिवसीय युगांडा और मोजांबिक की यात्रा पर वही इतिहास बनाने जा रहे हैं, जिसे अब तक देश की कोई सरकार नहीं कर पाई थी। अपनी इस यात्रा के दौरान एस जयशंकर जहां युगांडा में पहली बार देश के बाहर नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के ट्रांजिट परिसर का उद्घाटन करेंगे। इसके लिए भारत और युगांडा के बीच अहम समझौता हुआ है। आने वाले दिनों में दोनों देशों को इसका फायदा मिलेगा। इसके बाद जयशंकर मोजांबिक की यात्रा पर जाएंगे। भारत की ओर से किसी भी विदेश मंत्री की यह पहली मोजांबिक यात्रा होगी। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि युगांडा और मोजांबिक दोनों ही देशों में भारत संबंधों का एक नया इतिहास बनाने जा रहा है।

6 दिनों की यात्रा पर जाएंंगे विदेशमंत्री

विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को युगांडा और मोजाम्बिक की छह दिवसीय यात्रा पर रवाना होंगे। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने रविवार को यह जानकारी दी। एमईए के मुताबिक, विदेश मंत्री का पहला गंतव्य युगांडा होगा। वह 10 से 12 अप्रैल तक युगांडा के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान, वह युगांडा के विदेश मंत्री जनरल जे जे ओडोंगो के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत कर सकते हैं। उनके देश के नेतृत्व और अन्य मंत्रियों से मुलाकात करने की भी संभावना है।” मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर जिंजा (युगांडा) में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) के ट्रांजिट परिसर का उद्घाटन भी करेंगे। एमईए ने बताया कि जयशंकर की यात्रा के दौरान भारत के बाहर एनएफएसयू का पहला परिसर स्थापित करने को लेकर भारत और युगांडा के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की भी उम्मीद है। मंत्रालय के मुताबिक, जयशंकर युगांडा में सौर ऊर्जा पर आधारित एक जलापूर्ति परियोजना के शिलान्यास समारोह में भी हिस्सा लेंगे। एमईए ने बताया कि विदेश मंत्री के युगांडा के कारोबारी वर्ग को संबोधित करने और प्रवासी भारतीयों के साथ संवाद करने का भी कार्यक्रम है।

भारत के किसी विदेश मंत्री की पहली मोजाम्बिक यात्रा

मंत्रालय के अनुसार, विदेश मंत्री 13 से 15 अप्रैल तक मोजाम्बिक की यात्रा करेंगे। यह भारत के किसी विदेश मंत्री द्वारा मोजाम्बिक की पहली यात्रा होगी। एमईए के मुताबिक, मोजाम्बिक में जयशंकर देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करने के साथ ही विदेश मंत्री वेरोनिका मैकामो के साथ संयुक्त आयोग की बैठक के पांचवें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे। मंत्रालय ने बताया कि मोजाम्बिक में जयशंकर के कई अन्य मंत्रियों और सांसदों से मुलाकात करने के अलावा प्रवासी भारतीयों से संवाद करने की भी संभावना है। एमईए ने कहा, “विदेश मंत्री की युगांडा और मोजाम्बिक यात्रा से इन दोनों देशों के साथ भारत के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के और प्रगाढ़ होने की उम्मीद है।

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