Saturday, April 27, 2024
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‘हमें भले ही जेल में डाल दो, हम वापस नहीं जाएंगे’, भारत से भागकर पाकिस्तान पहुंचे बाप-बेटे

भारत से भागकर अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल हुए मोहम्मद हशनैन और इशाक अमीर नाम के पिता-पुत्र ने कहा है कि उन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Updated on: September 27, 2023 9:02 IST
Pakistan, Indian father-son duo Pakistan, Chaman Border- India TV Hindi
Image Source : AP FILE भारतीय पिता-पुत्र चमन बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान में दाखिल हुए।

कराची: अवैध रूप से अफगानिस्तान का बॉर्डर क्रॉस करके पाकिस्तान पहुंचे भारतीय पिता-पुत्र ने शरण देने की गुहार लगाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों ने दावा किया है कि वे कथित धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए नई दिल्ली में अपना घर छोड़कर भाग आए हैं। 70 साल के मोहम्मद हसनैन और उसके 31 साल के बेटे इशाक अमीर ने देश के बलूचिस्तान प्रांत के चमन में पाकिस्तान-अफगान बॉर्डर के रास्ते अवैध रूप से पाकिस्तान में एंट्री ली। वे इस समय कराची में ईदी वेलफेयर ट्रस्ट के शेल्टर होम में रह रहे हैं।

‘हमें जेल में डालना चाहते हो तो डाल दो’

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोहम्मद हसनैन और इशाक अमीर लगभग 14 दिन पहले कराची पहुंचे थे। हसनैन ने कहा, ‘अगर पाकिस्तानी अधिकारी हमें जेल में डालना चाहते हैं, तो हम इसके लिए तैयार हैं। हम बिना कानूनी दस्तावेजों के आए हैं, लेकिन हम शरण लेने की कोशिश करेंगे।’ बताया जा रहा है कि हसनैन और अमीर नई दिल्ली के गौतमपुरी इलाके के रहने वाले हैं। दोनों ने आरोप लगाया है कि उन्हें लंबे समय तक प्रताड़ना और धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उत्पीड़न के चलते दोनों ने पाकिस्तान भागने का फैसला किया।

‘हम चमन बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान आए’
हसनैन ने कहा, ‘हमें कराची पहुंचने में 14 दिन लगे, जहां हम पुलिस स्टेशन गए और सरेंडर कर दिया।’ दोनों 5 सितंबर को नई दिल्ली से दुबई के लिए रवाना हुए थे, जहां उन्हें अफगानिस्तान के दूतावास से वीजा मिला। उन्होंने कहा, ‘हमें वीजा मिला और हम काबुल के लिए रवाना हुए, जहां से हम सड़क मार्ग से कंधार गए और वहां से हम चमन बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान में दाखिल हुए।’ दोनों एक अफगान एजेंट की मदद से बॉर्डर पार करने में सफल रहे और बाद में उन्होंने टैक्सी ड्राइवर को कराची ले जाने के लिए 60,000 रुपये दिए।

‘भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है’
कराची के पुलिस उप महानिरीक्षक (दक्षिण) असद रजा ने कहा कि दोनों पर जासूस होने का शक नहीं था, और उन्हें ‘धार्मिक पूर्वाग्रह और उत्पीड़न का शिकार’ माना गया था। हसनैन और आमिर ने पाकिस्तानी मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है और वे वापस नहीं जाना चाहते। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया है। 

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