
शंघाई: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day 2025) पर आज दुनिया भर में योग को लेकर जागरुकता के तहत योग सत्र का आयोजन किया गया। आज से 11 साल पहले दुनिया भर में योग दिवस मनाने जो अलख पीएम मोदी ने जगाई थी उसकी एक झलक चीन में भी देखने को मिली। शंघाई में भारत के कॉन्सुलेट जनरल (महावाणिज्य दूतावास) ने इस खास समारोह की मेजबानी की। इस कार्यक्रम में चीन में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर सिद्धार्थ चटर्जी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। सिद्धार्थ चटर्जी खुद भी योगाभ्यास करते हैं और वे योग के प्रति समर्पित भी रहे हैं।
इस आयोजन का महत्व क्या है?
अपने स्वागत भाषण में शंघाई में भारत के महावाणिज्य दूत (Consul General of India) प्रतीक माथुर ने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, 'हांग्जो, वुक्सी और सूजो सहित पूर्वी चीन में आयोजित कार्यक्रमों की एक लंबी श्रृंखला का समापन इस प्रमुख समारोह से हो रहा है। इसे भारतीय प्रवासी समुदायों, ग्लोबल मल्टीनेशनल कंपनीज और बौद्ध मठों के सहयोग से आयोजित किया गया है। यह कार्यक्रम योग और भारतीय सभ्यता के बीच अंतर्निहित व्यापक संबंधों के आकर्षण का प्रमाण है। उन्होंने अहमदाबाद में हाल ही में एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 दुर्घटना के पीड़ितों को भी श्रद्धांजलि दी और कहा, "इस त्रासदी से हमारा दिल दुखी है। ऐसे क्षणों में योग, उसकी सचेतनता, आंतरिक शांति और शक्ति का गहन स्रोत प्रदान करती हैं।"
पीएम मोदी के योगदान का किया उल्लेख
संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी के योगदान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा-"योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर, विचार और क्रिया, संयम और पूर्ति की एकता और मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य का प्रतीक है।" उन्होंने योग की सार्वभौमिक अपील पर जोर दिया और खासतौर से भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों के 75वें वर्ष के संदर्भ से इसे जोड़ा। समुदायों में सद्भाव और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का भी जिक्र किया। सिद्धार्थ चटर्जी ने अपने भाषण में योग को वैश्विक बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने योग की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि योग के माध्याम से दुनिया एक दूसरे से अधिक जुड़ी हुई रहेगी।
स्वास्थ्य और सद्भाव की दृष्टि से योग महत्वपूर्ण
सिद्धार्थ चटर्जी ने अपने भाषण में कहा, "एक योग साधक के रूप में मैं इसकी परिवर्तनकारी शक्ति को गहराई से महत्व देता हूं। यह स्वास्थ्य और सद्भाव को बढ़ावा देने के साथ ही राष्ट्रों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत और संयुक्त राष्ट्र की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।" इस प्रमुख कार्यक्रम में योगाभ्यास सत्र का आयोजन, संवाद सत्र और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। इस कार्यक्रम में राजनयिकों के अलावा योग में रुचि लेनेवाले उत्साही लोगों के साथ अन्य लोग भी शामिल हुए।
इस आयोजन के साथ ही पूर्वी चीन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर समारोहों की एक श्रृंखला का समापन हुआ। इसमें विविध लोगों ने भागीदारी की और योग की जरूरत को रेखांकित किया। भारत के कॉन्सुलेट जनरल ने संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर सिद्धार्थ चटर्जी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करने के साथ ही इस आयोजन को शानदार और सफल बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार जताया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के उस वक्तव्य को भी मूर्त रूप देने की कोशिश की गई जिसमें पीएम मोदी ने कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं बल्कि एक जीवन शैली है।