Saturday, April 27, 2024
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दाने-दाने को मोहताज Pakistan की आफत में फंसी है जान, अब पीएम शहबाज मुल्क बचाएंगे या अपनी कुर्सी?

पाकिस्तान अभी गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। एक तरफ वह आईएमएफ से कर्ज लेने की कोशिश में लगा है लेकिन उसे कर्ज नहीं मिल रहा है तो दूसरी तरफ खबर ये मिल रही है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस्तीफा दे सकते हैं।

Kajal Kumari Edited By: Kajal Kumari
Published on: February 28, 2023 12:47 IST
pakistan economic crisis- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO क्या इस्तीफा देंगे शहबाज शरीफ

पाकिस्तान: श्रीलंका की तरह ही पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। श्रीलंका में जैसे महंगाई से जूझ रही जनता सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन को उतारू हो गई थी और सत्ता को हिलाकर रख दिया था। अब ठीक वैसे ही पाकिस्तान की स्थिति बन गई है। तो क्या अब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी इस्तीफा दे देंगे, क्योंकि पाकिस्तान का विदेशी कर्ज 100 अरब डॉलर हो चुका है और महंगाई दर 40% के करीब पहुंच गई है। पाकिस्तान की कोशिशों के बावजूद इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) कर्ज देनो को तैयार नहीं हो रहा है। इस समय में पाकिस्तान को चीन का बड़ा सहारा मिला है। चीन ने कुछ शर्तों पर पाकिस्तान को 700 मिलियन डॉलर का कर्ज दिया और दिवालिया होने से फिलहाल बचा लिया है। इसके बाद पाकिस्तान ने अपनी कुछ नीतियां भी बदली हैं लेकिन बड़ा सवाल है कि दाने-दाने को मोहताज पाकिस्तान आखिरकार कबतक बदहाली झेलेगा। 

पीएम शहबाज ने उठाया है बड़ा कदम

पाकिस्तान पहले से ही महंगाई और आर्थिक संकट की मार झेल रहा था और फिर विनाशकारी बाढ़ ने उसकी कमर तोड़कर रख दी। फिल वक्त में देश में महंगाई चरम पर है जिसे नियंत्रित करना पाकिस्तान की शहबाज सरकार के काबू से बाहर की बात हो चुकी है। महज 3 अरब डॉलर के फॉरेन रिजर्व (डिपॉजिट) के साथ दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान को बचाने की अब आखिरी कोशिश शुरू कर दी गई है। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने बड़ा कदम उठाते हुए सरकारी खर्च में जबरदस्त कटौती का ऐलान किया है। शहबाज शरीफ ने कहा है कि मैं और मेरे कैबिनेट के बाकी मंत्री सैलरी नहीं लेंगे। तमाम केंद्रीय मंत्री बिजली, पानी, गैस और टेलिफोन के बिल भी अपनी जेब से भरेंगे।

कैसे मुश्किलों से उबरेगा पाकिस्तान 

 शाहबाज शरीफ ने ये कदम उठाने के बाद कहा है कि  इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर के कर्ज की तीसरी किश्त देने के लिए बेहद सख्त शर्तें रखी हैं, जो हमारी सोच से भी ज्यादा सख्त और खतरनाक हैं, लेकिन क्या करें? हमारे पास कोई और चारा भी तो नहीं है। 

पाकिस्तान की स्थिति को सुधारने के लिए तीन विकल्पों की चर्चा हो रही है। पहला ये कि नेशनल गवर्नमेंट, टेक्नोक्रेट गवर्नमेंट  और मार्शल लॉ। पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने इन तीनों विकल्पों की बात की है लेकिन विपक्षी पार्टी भी इस कठिन समय में सत्ता को लेकर संजीदा नहीं है क्योंकि पता है कि इस बदले हालात मे ंसत्ता को संभालना आसान नहीं है। इन सबके बीच ये विकल्प कितने कारगर साबित हो सकते हैं कहा नहीं जा सकता है।

 

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