Thursday, May 02, 2024
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Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति हुई खराब, मांग रहा कई देशों से कर्ज

Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। इस बीच खुद को दिवालियेपन से बचाने के लिए पाकिस्तान ने भी दुनिया भर के देशों से हाथ मिलाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात पहुंच गए हैं।

Ravi Prashant Written By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published on: August 05, 2022 18:35 IST
Pakistan Economic Crisis- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Pakistan Economic Crisis

Highlights

  • पाकिस्तान पर जीडीपी का 70 फीसदी कर्ज है।
  • अमेरिकी सेना के शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात की
  • एक डॉलर की कीमत 223 रुपये है

Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। इस बीच पाकिस्तान ने भी दुनिया भर के देशों से कर्ज मांगने के लिए हाथ फैलाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात कर्ज लेने के लिए पहुंच गए हैं। उन्होंने दोनों देशों के अधिकारियों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाली आर्थिक मदद को लेकर भी चर्चा की है। बाजवा ने कुछ दिन पहले अमेरिका का दौरा किया था और पाकिस्तान के लिए कर्ज की अपील की थी।

IMF से मांगा कर्ज

वही इसी साल पाकिस्तान को आईएमफ के तरफ से कर्ज मिलने वाला है। अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान जनरल बाजवा ने पाकिस्तान को चूक से बचाने के लिए आईएमएफ कार्यक्रम के तहत 1.2 अरब डॉलर की शुरुआती सहायता जल्द से जल्द जारी करने की अपील की थी. जनरल बवाजा ने अमेरिका के उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमेन से फोन पर बात करने के साथ ही साथ उन्होंने अमेरिकी सेना के शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात की। जनरल बाजवा ने व्हाइट हाउस और ट्रेजरी विभाग से आईएमएफ से बेलआउट प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह करने का आग्रह किया।

इस बीच पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने आईएमएफ की सभी शर्तों को पूरा किया है। 1.2 अरब डॉलर की सहायता के लिए दोनों पक्षों के बीच कर्मचारी स्तर का समझौता पहले ही हो चुका है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि इस हफ्ते आईएमएफ बोर्ड की बैठक में पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद को मंजूरी मिल जाएगी। वहीं आईएमएफ ने कहा है कि जैसे ही हम इस बात की पुष्टि करेंगे कि पाकिस्तान ने कर्ज लेने की सभी शर्तें पूरी कर दी हैं, उसके तुरंत बाद पहली किस्त जारी कर दी जाएगी। इस संबंध में अगस्त के अंत में बोर्ड की एक संभावित बैठक भी निर्धारित की गई है। इस कर्ज को लेकर पाकिस्तान काफी दिनों से इंतजार कर रहा है। 

पाकिस्तानी रूपया हुआ कमजोर

पाकिस्तानी रुपया कमजोर होकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। वर्तमान में एक डॉलर की कीमत 223 रुपये है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी गिरकर 9.3 अरब डॉलर पर आ गया है. इतने पैसे से पाकिस्तान की जरूरत की चीजें पांच हफ्ते तक भी इंपोर्ट नहीं की जा सकतीं। यही वजह है कि शाहबाज शरीफ सरकार अपने खर्चों में तेजी से कटौती कर रही है। इस समय देश मे मंहगाई अपने चरम पर है और दैनिक जीवन में प्रयोग करने वाले समानों के दाम आसमान छू रहे हैं। पाकिस्तानी अवाम काफी बुरे दौर से गूजर रही है। 

वहीं देश पर जीडीपी का 70 फीसदी कर्ज हो गया है। इसमें से 40 फीसदी कर्ज बाहर से लिया है, जबकि बाकी घरेलू कर्ज है। घरेलू ऋण को संभालना आसान है, क्योंकि यह अपनी मुद्रा में है। पाकिस्तान का सिर्फ 7 फीसदी कर्ज थोड़े समय के लिए लिया गया है, इसलिए इस कर्ज को चुकाने की जल्दी है। बाकी कर्ज लंबी अवधि के लिए है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के कार्यवाहक गवर्नर डॉ मुर्तजा सैयद ने कहा कि पाकिस्तान ने 20 फीसदी कर्ज व्यावसायिक शर्तों पर लिया है और बाकी छूट पर आधारित है।

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