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ताइवान में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए शुरू हुआ मतदान, दुनिया की दो बड़ी महाशक्तियों की टिकी नजर

चीन के घोर प्रतिद्वंदी ताइवान में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान शुरू हो गया है। वहीं इस मतदान पर ना सिर्फ चीन बल्कि अमेरिका भी अपनी नजर बनाए हुए है। बता दें कि चीन और ताइवान में काफी लंबे समय से विवाद चला आ रहा है।

Edited By: Amar Deep
Published : Jan 13, 2024 9:14 IST, Updated : Jan 13, 2024 9:14 IST
ताइवान में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान शुरू।- India TV Hindi
Image Source : AP ताइवान में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान शुरू।

ताइपे: ताइवान में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए शनिवार को मतदान हो रहा है। इस चुनाव के नतीजे अगले चार साल तक चीन के साथ उसके संबंधों की दिशा तय कर सकते हैं। इस चुनाव में ताइवान की शांति और स्थिरता दांव पर लगी है। सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) का प्रतिनिधित्व कर रहे उपराष्ट्रपति लाई चिंग-ते निवर्तमान राष्ट्रपति ताई इंग-वेन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं और स्वतंत्रता समर्थक पार्टी को अभूतपूर्व रूप से तीसरी बार जीताने की कोशिश में लगे हैं। 

सुबह 8 बजे से शुरू हुआ मतदान

लाई अपने गृह नगर तैनान में वोट डालेंगे। चीन समर्थक कुओमिंगतांग पार्टी के उम्मीदवार होऊ यू-इह, न्यू ताइपे शहर में अपना वोट डालेंगे। इसे नेशनलिस्ट पार्टी के नाम से भी जाना जाता है। युवा मतदाताओं के बीच लोकप्रियता हासिल करने वाले ताइवान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार को वेन-जे ताइपे में वोट डालेंगे। वे दो प्रमुख राजनीतिक दलों का विकल्प पेश कर रहे हैं। मतदान शनिवार सुबह आठ बजे शुरू हुआ और करीब आठ घंटे तक चलेगा। उम्मीदवारों ने शुक्रवार रात को अपना प्रचार अभियान पूरा किया। 

लाई ने कहा- चीन के कारण छोड़ दिया करियर

तैनान में लाई ने बताया कि उन्होंने 1996 में पहले राष्ट्रपति चुनाव से पूर्व ताइवानी मतदाताओं को डराने-धमकाने के इरादे से चीन के मिसाइल परीक्षण और सैन्य अभ्यासों के कारण सर्जन के रूप में अपना करियर छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि ‘‘मैं ताइवान में अभी-अभी शुरू हुए लोकतंत्र की रक्षा करना चाहता था। मैंने मोटी तनख्वाह वाली अपनी नौकरी छोड़ दी और लोकतंत्र में अपने बड़ों के पदचिह्नों पर चलने का फैसला किया।’’ 

होऊ ने लाई के नजरिए पर उठाए सवाल

वहीं ताइवान पुलिस बल के पूर्व प्रमुख और राजधानी के उपनगरों के मेयर होऊ ने कहा कि बीजिंग के साथ रिश्तों पर लाई का नजरिया अनिश्चितता और बल्कि युद्ध की आशंका पैदा कर सकता है। चीन की सैन्य धमकियां कुछ मतदाताओं को स्वतंत्रता समर्थक उम्मीदवारों के खिलाफ कर सकती हैं लेकिन अमेरिका ने किसी भी सरकार के बनने पर उसे समर्थन देने का संकल्प लिया है। 

घरेलू मुद्दों पर भी निर्भर करता है चुनाव

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने चुनाव के तुरंत बाद द्वीपीय देश में पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों वाला एक अनौपचारिक प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना बनाई है। यह कदम बीजिंग और वाशिंगटन के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की कोशिशों में बाधा पैदा कर सकता है जो कि हाल के वर्षों में व्यापार, कोविड-19, ताइवान के लिए अमेरिका के समर्थन और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण तनावपूर्ण हैं। चीन के साथ तनाव के अलावा ताइवान का चुनाव काफी हद तक घरेलू मुद्दों पर निर्भर करता है खासतौर से अर्थव्यवस्था पर जो पिछले साल महज 1.4 प्रतिशत बढ़ी है। 

(इनपुट: भाषा)

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