Thursday, April 25, 2024
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India-Russia: जंग के बीच रूस से खरीदा जा रहा सस्ता तेल, अब भारत ने दिया ये ऑफर

India-Russia:  सऊदी अरब को पीछे छोड़ते हुए रूस भारत का सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्ति करने वाला देश बन गया है। वहीं अब भारत ने रूस के साथ रुपए में कारोबार करने की योजना बनाई है। 

Deepak Vyas Edited by: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: June 19, 2022 9:10 IST
India-Russia- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO India-Russia

Highlights

  • भारत ने दिया रूस को ऑफर
  • रुपये में व्यापार करने का प्रस्ताव रखा
  • इस योजना को जल्दी ही दिया जा सकता है अंतिम रूप

India-Russia: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अमेरिका सहित कई यूरोपीय देशों ने कारोबारी प्रतिबंध लगाए। इस कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में रूस के तेल की कीमतें तेजी से गिरीं। इसका भारत को काफी लाभ हुआ। जंग के बीच जहां यूरोपीय देशों ने अपने देश में रूस से कच्चे तेल का आयात करने में उदासीनता दिखाई, वहीं भारत ने बड़े पैमाने पर रूस से तेल खरीदा है। जंग के दौर में भारत ने जिस देश से सबसे ज्यादा कच्चा तेल खरीदा है, वह देश रूस है। इस तरह सऊदी अरब को पीछे छोड़ते हुए रूस भारत का सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्ति करने वाला देश बन गया है। वहीं अब भारत ने रूस के साथ रुपए में कारोबार करने की योजना बनाई है। 

भारत ने दिया रूस को ऑफर 

भारत ने रूस के सामने रुपये में व्यापार करने का प्रस्ताव रखा है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की रूस के सरकारी नियंत्रण वाले वीटीबी बैंक पीजेएससी औश्र सबरबैंक पीजेएससी में जमा करीब दो अरब डॉलर के इस्तेमाल की योजना है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार इस योजना को जल्दी ही अंतिम रूप दिया जा सकता है। इससे पहले दोनों देशों ने रूस की मुद्रा रूबल और भारत की मुद्रा रुपए के तहत कारोबार करना शुरू किया था, जो रूबल की अस्थिरता के कारण कारगर साबित नहीं हो पाया।

रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के बैंक खातों में जमा धनराशि साल के अंत तक बढ़कर पांच अरब डॉलर हो सकती है। यह बशर्ते इस पर निर्भर करता है कि भारत कितना उत्पाद खरीद रहा है।

...और तेल सस्ता हो गया 

रूस और यूक्रेन में जंग के कारण अमेरिका, यूरो, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे, जिससे रूस का तेल सस्ता हो गया था। इसी सस्ते तेल का लाभ उठाने के लिए मोदी सरकार ने तेल के आयात पर लगी पाबंदी हटा दी है। इस दिशा में मोदी सरकार एक मैकेनिज्म को अंतिम रूप देना चाहती है। सस्ता तेल खरीदने से भारत को काफी लाभ होगा। हालांकि अमेरिका, क्वाड के देश, यूरोप के कई देश भारत पर रूस से कच्चे तेल का आयात नहीं करने के लिए दबाव बना चुके हैं। लेकिन भारत ने भी अपनी बात स्पष्ट कर दी है कि वह अपना हित सबसे पहले देखेगा। 

बता दें कि रूस से सस्ते तेल खरीदने को लेकर पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने भी भारत की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि भारत की यह खासियत है कि वह रूस से तेल न खरीदने के अंतरराष्ट्रीय दबाव को दरकिनार कर रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है। शहबाज शरीफ सरकार को भारत से सीखना चाहिए।

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