Friday, April 26, 2024
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हांगकांग की सम्प्रभुता बचाने के लिए अमेरिकी सीनेट ने पारित किया विधेयक, और भड़केगा चीन

चीन को एक और करारा झटका देते हुए अमेरिकी सीनेट ने हांगकांग की सम्प्रभुता की रक्षा के लिए सर्वसम्मति से एक बिल पास किया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 26, 2020 9:53 IST
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Image Source : AP FILE US Senate passes bill to sanction China over Hong Kong security law.

वॉशिंगटन: चीन को एक और करारा झटका देते हुए अमेरिकी सीनेट ने हांगकांग की सम्प्रभुता की रक्षा के लिए सर्वसम्मति से एक बिल पास किया है। बिल में हांगकांग पर सख्त ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ कानून लागू करने के लिए जिम्मेदार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस बल को भी निशाना बनाया है जिसने हांगकांग प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार किए थे। इसके तहत उन बैंकों पर भी प्रतिबंध लगेगा जो कानून का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं के साथ व्यापार करते पाए गए। 

जानें, क्या होगा इस बिल के कानून बनने पर

चीन द्वारा प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार करने और पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी पर और नियंत्रण लगाने जैसी हरकतों के चलते पिछले एक साल से लगातार हांगकांग में बढ़ रहे तनाव के बीच यह कदम उठाया गया है। पेंसिल्वेनिया के रिपब्लिकन सीनेटर पैट टॉमी और मैरीलैंड के डेमोक्रेटिक सीनेटर क्रिस वान होलेन ने यह उपाय पेश किए। इसमें सीनेट ने यह कहते हुए भी एक उपाय को भी मंजूरी दी कि बिल के कानून बनने से बीजिंग सरकार पर 1984 चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा के सीधे उल्लंघन का आरोप लग सकता है। यह वह संधि है, जिसके तहत 1997 में हांगकांग में ब्रिटिश शासन को समाप्त कर शहर को आंशिक संप्रभुता प्रदान की गई थी। विधेयक के यहां पारित होने के बाद उसे अब सदन में पेश किया जाएगा।

पोम्पियो ने कहा, एशिया में फौज भेजेगा अमेरिका
इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने गुरुवार को कहा कि भारत, मलेशिया, इंडोनेशिया, और फिलीपीन जैसे एशियाई देशों को चीन से बढ़ते खतरे के मद्देनजर अमेरिका दुनिया भर में अपने सैनिकों की तैनाती की समीक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने सैनिकों को इस तरह से तैनात कर रहा है कि वे जरुरत पड़ने पर चीन की सेना का मुकाबला कर सकें। पोम्पियो ने कहा, ‘कुछ जगहों पर अमेरिकी संसाधन कम रहेंगे। कुछ अन्य जगह भी होंगे। मैंने अभी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से खतरे की बात कही है, इसलिए अब भारत को खतरा, वियतनाम को खतरा, मलेशिया, इंडोनेशिया को खतरा, दक्षिण चीन सागर की चुनौतियां हैं।’

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