बोस्टन: आनुवंशिक रूप से संशोधित सुअर की किडनी प्रतिरोपित कराने वाले पहले व्यक्ति की इस प्रक्रिया से गुजरने के लगभग दो महीने बाद मौत हो गई है। मृतक के पकिजनों और अस्पताल की ओर से यह जानकारी दी गई है। रिचर्ड रिक स्लेमैन (62) नाम के व्यक्ति की मार्च में 'मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल' में किडनी प्रतिरोपित की गई थी। उस समय चिकित्सकों ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि किडनी कम से कम दो साल तक ठीक रहेगी।
डॉक्टर बोले 'दुखी हैं'
अब शख्स की मौत के बाद किडनी प्रतिरोपण करने वाली टीम ने एक बयान में कहा कि स्लेमैन के निधन से वो बहुत दुखी हैं और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते है। हलांकि, टीम ने यह भी कहा कि उनके पास ऐसा कोई संकेत नहीं है कि प्रतिरोपण के कारण उनकी मौत हुई है।
खराब हो गई थी किडनी
रिचर्ड काफी समय से डायबिटीज की चपेट में थे जिससे उनकी किडनी खराब हो गई थी। करीब सात साल तक डायलीसिस पर रहने के बाद साल 2018 में मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल में उन्हें एक इंसान की किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी लेकिन 5 साल के भीतर ही वह फेल हो गई। इसके बाद उन्हें सुअर की किडनी लगाई गई थी।
किडनी को किया गया था विकसित
रिचर्ड को जिस सुअर की किडनी लगाई गई थी उसे मेसाच्यूसेट्स के ईजेनेसिस ऑफ कैंब्रिज सेंटर में विकसित किया गया था। डॉक्टरों ने सुअर से उस जीन को निकाल दिया था, जिससे इंसान को खतरा हो सकता था, साथ ही कुछ इंसानी जीन को भी इसमें जोड़ा गया था, जिससे इसकी क्षमता में इजाफा हुआ। ईजेनेसिस कंपनी ने सुअर से उन वायरस को भी डिएक्टिव कर दिया था, जिससे इंसान को इंफेक्शन हो सकता था। (एपी)
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