Friday, April 26, 2024
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Action Against Cybercrime:संदिग्ध साइबर गतिविधियों के खिलाफ क्वाड देशों ने बनाया ये प्लान, बढ़ेगी सुरक्षा

Action Against Cybercrime: देश-दुनिया में लगातार साइबर अपराधों में बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में इसे सख्ती से रोके जाने की जरूरत है। मगर अब तक साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए कोई मजबूत तंत्र विकसित नहीं हो सका है। अब क्वाडिलैट्रल सिक्योरिटी डॉयलॉग (क्वाड) देशों ने इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की योजना बनाई है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: September 24, 2022 19:01 IST
Cyber Crime- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Cyber Crime

Highlights

  • अमेरिका, भारत, जापान और आस्ट्रेलिया का समूह है क्वाड
  • दुनिया में बढ़ रहे साइबर अपराधों पर शिकंजा कसने के लिए क्वाड ने कसी कमर
  • डेटा सुरक्षा रखना और वेबसाइटों को हैक होने से बचाना चुनौती

Action Against Cybercrime: देश-दुनिया में लगातार साइबर अपराधों में बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में इसे सख्ती से रोके जाने की जरूरत है। मगर अब तक साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए कोई मजबूत तंत्र विकसित नहीं हो सका है। अब क्वाडिलैट्रल सिक्योरिटी डॉयलॉग (क्वाड) देशों ने इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की योजना बनाई है। इसके बाद सभी तरह की संदिग्ध आपराधिक साइबर गतिविधियों को रोकना आसान हो जाएगा।

 क्वॉड के सदस्य देशों अमेरिका, भारत, जापान, आस्ट्रेलिया ने राज्य प्रायोजित दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि वे क्षेत्रीय साइबर अवसंरचना की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेन्नी वोंग, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, जापान के विदेश मंत्री हयाशी योशिमासा और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र से इतर बैठक की। उन्होंने एक संयुक्त बयान जारी कर देशों से उनके क्षेत्र से संचालित रैनसमवेयर गतिविधियों से निपटने के लिए उचित कदम उठाने का आह्वान किया। क्वॉड देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा, ‘‘हम रैनसमवेयर सहित अन्य दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों से अहम साइबर अवसंरचना पर मंडरा रहे खतरों से निपटने में एक-दूसरे का सहयोग करने को प्रतिबद्ध हैं।

साइबर क्षेत्र में देशों की क्षमता बढ़ाने की जरूरत

 संयुक्त बयान में इस दिशा में कार्रवाई करने का आह्वान किया गया। विदेश मंत्रियों ने कहा कि क्वॉड देश साइबर जगत के खुले, सुरक्षित, स्थिर, वहनीय और शांतिपूर्ण इस्तेमाल को लेकर प्रतिबद्ध हैं और वे साइबर जगत में जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए संयुक्त राष्ट्र के मसौदे को लागू करने की दिशा में देशों की क्षमता बढ़ाने से जुड़ी क्षेत्रीय पहलों का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा दृढ़ विश्वास है कि हिंद-प्रशांत देशों की साइबर क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित पहल से क्षेत्रीय साइबर अवसंरचना की सुरक्षा और लचीलापन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।’’ बयान में कहा गया, ‘‘मंत्रियों ने रैनसमवेयर खतरे के खिलाफ लड़ाई के हमारे सामूहिक लक्ष्य को इंगित किया जो हिंद-प्रशांत अर्थव्यवस्था, विकास और सुरक्षा संबंधी साइबर अवसंरचना के लिए खतरा है।

डेटा को सुरक्षित रखना चुनौती
हम क्षमता विकास एवं पहल में और सहयोग करने को प्रतिबद्ध हैं जिसका लक्ष्य क्षेत्रीय साइबर सुरक्षा को बढ़ाना है।’’ ग्यारह फरवरी को हुई पिछली क्वॉड बैठक को याद करते हुए विदेश मंत्रियों ने कहा कि वे रैनसमवेयर के वैश्विक खतरे से निपटने को प्रतबिद्ध हैं क्योंकि यह हिंद प्रशांत क्षेत्र के आर्थिक विकास और सुरक्षा के लिए बाधा है। उन्होंने कहा, ‘‘रैनसमवेयर की परिवर्तनकारी प्रकृति बुरी तरह से हमारी सुरक्षा, वित्तीय क्षेत्र, कारोबारी प्रतिष्ठानों और व्यक्तिगत डेटा को प्रभावित करती है। हम रैनसमवेयर के खिलाफ अमेरिका नीत कार्रवाई, साइबर अपराधों के खिलाफ व्यावहारिक परामर्श को लेकर 36 समर्थक देशों की प्रगति की प्रशंसा करते हैं।

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