Wednesday, December 11, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. बिहार
  3. बिहार में मातम में बदला जितिया त्योहार, स्नान के दौरान 37 बच्चों समेत 46 लोग डूबे

बिहार में मातम में बदला जितिया त्योहार, स्नान के दौरान 37 बच्चों समेत 46 लोग डूबे

बिहार में जितिया त्योहार संतानों की दीर्घायु की कामना के लिए मनाया जाता है। यह छठ पर्व की तरह ही होता है। इसके अंतर्गत 24 सितंबर को नहाय खाय से इसकी शुरूआत हुई थी। हादसे के बाद पूरे राज्य में मातम पसर गया है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Sep 26, 2024 21:51 IST, Updated : Sep 26, 2024 21:53 IST
bihar jitiya vrat- India TV Hindi
Image Source : PTI परिवार के सदस्यों के डूबने के बाद सरकारी अस्पताल में इकट्ठा हुए लोग

पटना: बिहार में जीवित्पुत्रिका (जितिया) व्रत त्योहार के दौरान अलग-अलग घटनाओं में नदियों और तालाबों में पवित्र स्नान करते समय 37 बच्चों समेत 46 लोगों की डूबने से मौत हो गई। राज्य सरकार ने गुरुवार को एक बयान में यह जानकारी दी। ये घटनाएं बुधवार को त्योहार के दौरान राज्य के 15 जिलों में हुईं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (DMD) द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘कल राज्य में मनाए गए जीवित्पुत्रिका पर्व के अवसर पर पवित्र स्नान करते समय 46 लोगों की डूबने से मौत हो गई। सभी शव बरामद कर लिए गए हैं।’’

4-4 लाख रुपये की राशि देगी सरकार

बिहार में बड़ी संख्या में लोग जीवित्पुत्रिका त्योहार के आखिरी दिन नदियों में स्नान करते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद डीएमडी ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बयान में कहा गया है कि आठ मृतकों के परिजनों को पहले ही अनुग्रह राशि दे दी गई है।

कहां-कहां हुई मौतें?

जिन जिलों में यह हादसे हुए, उनमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, नालंदा, औरंगाबाद, कैमूर, बक्सर, सीवान, रोहतास, सारण, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गोपालगंज और अरवल शामिल हैं। औरंगाबाद जिले में बुधवार को दो अलग-अलग प्रखंडों में तालाबों में नहाने के दौरान सबसे ज्यादा 8 लोगों की मौत हुई है।

औरंगाबाद के जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने कहा, ‘‘जिला प्रशासन जीवित्पुत्रिका त्योहार के दौरान घाटों पर स्नान करने वाले सभी लोगों के लिए पर्याप्त व्यवस्था करता है। समस्या तब पैदा होती है जब लोग स्थानीय स्तर पर उन घाटों पर जाते हैं जिन्हें प्रशासन द्वारा तैयार नहीं किया जाता है।’’ सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने भी इसी तरह की राय दोहराते हुए कहा, ‘‘कल सारण में चार लोगों की मौत हो गई। घटनाएं उन घाटों पर हुईं जिन्हें जिला प्रशासन द्वारा तैयार नहीं किया गया था। हम लोगों से अनुरोध करते रहे हैं कि वे जिला प्रशासन द्वारा तैयार घाटों पर ही जाएं।”

संतान की दीर्घायु के लिए रखा जाता है व्रत

बता दें कि बिहार में जितिया त्योहार संतानों की दीर्घायु की कामना के लिए मनाया जाता है। यह छठ पर्व की तरह ही होता है। इसके अंतर्गत 24 सितंबर को नहाय खाय से इसकी शुरूआत हुई थी। 25 सितंबर को उपवास और 26 सितंबर को पारण करने के साथ व्रत का समापन होता है। हादसे के बाद पूरे प्रदेश में मातम पसर गया है। (भाषा इनपुट्स के साथ)

यह भी पढ़ें-

बिहार के भागलपुर में देखते ही देखते गंगा में समा गए कई घर, देखें-हैरान कर देने वाला वीडियो

हॉस्टल में टंकी से पानी भरते समय करंट लगने से 2 छात्रों की मौत, दो अधिकारी सस्पेंड

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिहार सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement