Thursday, December 12, 2024
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Lok Sabha Elections 2024: बेगूसराय में गिरिराज सिंह Vs अवधेश राय, क्या BJP लगा पाएगी जीत की हैट्रिक?

Hot seats in Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी ने एक बार फिर बेगूसराय से गिरिराज सिंह को मैदान में उतारा है। वहीं सीपीआई ने अवधेश कुमार राय पर दांव खेला है। बेगूसराय लोकसभा सीट, सीपीआई की परंपरागत सीट मानी जाती है। हालांकि, वर्तमान समय में इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है।

Written By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Apr 17, 2024 10:41 IST, Updated : Apr 17, 2024 10:43 IST
giriraj singh and awadhesh kumar rai- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO गिरिराज सिंह और अवधेश कुमार राय

देश में 19 अप्रैल को पहले फेज में 21 राज्यों की 102 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। आज शाम पहले चरण का चुनावी शोर भी थम जाएगा। सभी सियासी पार्टियां चुनावी अभियान में जोर-शोर से जुटी हैं। इस बार के चुनावों में बिहार की सीटो की अहम भूमिका होगी। ऐसे में हम यहां बिहार की हाई प्रोफाइल बेगूसराय सीट की जानकारी दे रहे हैं।   बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक बेगूसराय सीट का प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह करते हैं। भाजपा ने एक बार फिर गिरिराज सिंह को मैदान में उतारा है। वहीं, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (CPI) ने जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय लोकसभा सीट मांग रही कांग्रेस को तगड़ा झटका देते हुए अवधेय राय को टिकट दिया है। इसका मतलब है कि भाजपा विरोधी वोट एकजुट हो जाएंगे जो भगवा पार्टी के लिए परेशानी पैदा कर सकते हैं। ऐसे में ये चुनावी मुकाबला रोमांचक बनने की उम्मीद है।

बेगूसराय से इस बार कौन जाएगा संसद?

बेगूसराय लोकसभा सीट के अंदर विधानसभा की 7 सीटें आती हैं। इनमें से बीजेपी, सीपीआई और राजद के पास 2-2 सीटें हैं तो वहीं एक सीट पर जेडीयू का कब्जा है। बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र को वामपंथ के गढ़ के रूप में माना जाता है। यहां सबसे अधिक भूमिहार मतदाता हैं और यह सीट हमेशा की तरह इस बार भी 'हॉट' बनी हुई है। पिछले दो चुनाव में इस सीट पर भाजपा जीती है और इस बार भी वह हैट्रिक की आशा में है।

साल 2019 के चुनाव के नतीजे क्या थे?

2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने बेगूसराय सीट जीती थी। 2014 के चुनाव में भाजपा का पहली बार कमल खिला और भोला सिंह विजयी हुए। 2019 में भाजपा ने फिर कमल खिलाया और गिरिराज सिंह जीते। गिरिराज सिंह ने सीपीआई नेता कन्हैया कुमार (अब कांग्रेस नेता) को 692,193 वोटों के बड़े अंतर से हराया, जबकि कुमार को 269,976 वोट मिले। राजद के तनवीर हसन को 198233 वोट मिले। अभी महागठबंधन में शामिल आरजेडी और सीपीआई 2019 में अलग-अलग लड़ी थी। बीजेपी के गिरिराज सिंह यहां 4 लाख से ऊपर के बड़े मार्जिन से जीते थे।

तब सीपीआई के कैंडिडेट रहे कन्हैया कुमार दूसरे नंबर पर थे और आरजेडी के तनवीर हसन तीसरे नंबर पर। सिंह की जीत के बाद से इस क्षेत्र में बीजेपी का दबदबा हो गया है। गिरिराज सिंह से करारी शिकस्त का सामना करने के बाद कन्हैया कुमार ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

जानें गिरिराज सिंह के बारे में

गिरिराज सिंह को पीएम मोदी और अमित शाह का करीबी माना जाता है। हिन्‍दुत्‍व का झंडा बुलंद करने वाले गिरिराज सिंह को पीएम मोदी का 'हनुमान' भी कहा जाता है। दरअसल, वह खुद कहते हैं कि वह पीएम मोदी के हनुमान हैं और वह जो आदेश करेंगे, वही करेंगे।

गिरिराज सिंह का जन्म 8 सितम्बर, 1952 को बिहार के लखीसराय जिले के बड़हिया में हुआ था। वह 2002 – मई 2014 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे, 2008-2010 तक बिहार सरकार में सहकारी मंत्री रहे, 2010-2013 तक बिहार सरकार में मंत्री, पशु और मत्स्य संसाधन विकास मंत्री रहे। फिर 2014 में नवादा से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें 09 नवंबर, 2014 को भारत सरकार में केन्‍द्रीय राज्य मंत्री बनाया गया। 2019 चुनाव में जीत के बाद एक बार फिर से मंत्रिमंडल में जगह मिली।

कौन हैं अवधेश कुमार राय?

बिहार में सीपीआई का झंडा बुलंद करने वाले नेताओं में अवधेश कुमार राय का नाम शामिल है। बेगूसराय की सियासत में अवधेश कुमार राय को सीपीआई का बड़ा चेहरा माना जाता है। वह सीपीआई की टिकट पर बेगूसराय जिले की बछवाड़ा विधानसभा सीट से 3 बार विधायक भी रह चुके हैं। हालांकि, 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बेगूसराय लोकसभा सीट, सीपीआई की परंपरागत सीट मानी जाती है। हालांकि, वर्तमान समय में इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है।

बेगूसराय सीट का जातीय समीकरण

बेगूसराय लोकसभा सीट का जातीय समीकरण बहुत स्पष्ट है। यहां पर 5 लाख से अधिक भूमिहार मतदाता हैं तो वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 2.5 लाख से अधिक है। यादव मतदाता डेढ़ लाख के करीब हैं। 2 लाख से अधिक कुर्मी-कुशवाहा हैं। अगर जातीय आधार पर ध्रुवीकरण होता है तो बीजेपी के सामने इसे पाटने की जबर्दस्त चुनौती होगी। दलित वोट भी चुनाव के दृष्टिकोण से बहुत अहम हैं। ब्राह्मण, राजपूत और कायस्थ आदि की संख्या भी है।

बेगूसराय में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है।

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