Monday, May 13, 2024
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दिल्ली सरकार ने सबसे ज्यादा प्रदूषण वाली 150 जगहों की पहचान की

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की सरकार ने ‘ग्रीन दिल्ली’ ऐप पर मिली शिकायतों के आधार पर ऐसे 150 स्थानों की पहचान की है, जहां प्रदूषण सबसे अधिक फैलता है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 05, 2021 17:18 IST
दिल्ली सरकार ने सबसे ज्यादा प्रदूषण वाली 150 जगहों की पहचान की- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली सरकार ने सबसे ज्यादा प्रदूषण वाली 150 जगहों की पहचान की

नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की सरकार ने ‘ग्रीन दिल्ली’ ऐप पर मिली शिकायतों के आधार पर ऐसे 150 स्थानों की पहचान की है, जहां प्रदूषण सबसे अधिक फैलता है। प्रदूषण विरोधी गतिविधियों की निगरानी एवं समन्वय के लिए शहर ने पिछले साल ‘ग्रीन वॉर रूम’ और प्रदूषण करने वाली गतिविधियों से संबंधित शिकायतों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए ‘ग्रीन दिल्ली’ ऐप लॉन्च किया था। 

मंत्री ने ऐप के ‘आईओएस वर्ज़न’ (आईफोन में चलने वाले) को जारी करते हुए कहा, ‘‘प्राप्त 27,000 शिकायतों में से 23,000 से अधिक का निपटारा कर दिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि ज्यादातर शिकायतें नगर निगमों, दिल्ली विकास प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग से संबंधित थीं। राय ने कहा, ‘‘ऐप पर मिली शिकायतों के आधार पर, हमने ऐसे 150 स्थानों की पहचान की है, जहां से प्रदूषण फैलने की सबसे अधिक शिकायतें मिली हैं।’’ 

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने पहले दिल्ली में 13 ऐसे स्थानों की पहचान की थी, जहां प्रदूषण सबसे अधिक फैलता है। ये स्थान रोहिणी, द्वारका, ओखला फेज -2, पंजाबी बाग, आनंद विहार, विवेक विहार, वजीरपुर, जहांगीरपुरी, आर के पुरम, बवाना, मुंडका, नरेला और मायापुरी थे।

सर्दियों में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए CM केजरीवाल ने किया 10 सूत्री कार्रवाई योजना का ऐलान

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दस सूत्री ‘‘शीत कार्रवाई योजना’’ की सोमवार को घोषणा की, जिसमें धूल को नियंत्रित करना, पूसा के जैव अपघटक का इस्तेमाल, स्मॉग टावर लगाना और कचरा जलाने एवं वाहनों से उत्सर्जन पर लगाम लगाना जैसे उपाय शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने पड़ोसी राज्यों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नयी प्रौद्योगिकी वाले थर्मल बिजली संयंत्र लगाने, सीएनजी से चलने वाले वाहन और इलाके के उद्योगों में स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करने की भी अपील की। 

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि केन्द्र और पड़ोसी राज्यों ने किसानों द्वारा पराली जलाए जाने को रोकने के लिए कुछ नहीं किया, जिससे सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण बढ़ेगा। उन्होंने पड़ोसी राज्यों की सरकारों से वायु को स्वच्छ बनाने के लिए मिलकर काम करने की अपील की। केजरीवाल ने केन्द्र और दिल्ली के पड़ोसी राज्यों से कटाई के बाद बचे पुआल के प्रबंधन के लिए जैव अपघटक का नि:शुल्क छिड़काव सुनिश्चित करने की अपील की, जैसा उनकी सरकार राष्ट्रीय राजधानी में कर रही है। 

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार ने पराली जलाने की समस्या का समाधान पेश किया है और वह है पूसा जैव अपघटक। हम उम्मीद करते हैं कि इसका जितना संभव हो सके उतना इस्तेमाल किया जाएगा।’’ केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली में धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए निर्माण स्थलों की निगरानी के वास्ते 75 दलों का गठन किया है। उन्होंने बताया कि शहर में कचरा जलाने पर पूरी तरह से रोक का पालन कराने के लिए 250 दल गठित किए गए हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने पटाखों की बिक्री और खरीद पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया हुआ है। स्मॉग टावर (कनॉट प्लेस) के अब तक अच्छे परिणाम सामने आए हैं। हम इसके कामकाज पर नजर रखेंगे और इसके बाद दिल्ली में अन्य स्थानों पर इस तरह के और टावर स्थापित करने पर विचार करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए चिह्नित 64 मार्गों पर यातायात जाम की समस्या को दूर करने के प्रयास किए जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र की जांच करने के लिए 500 टीमों का गठन किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘हरित वॉर रूम’ को मजबूत बनाना और जागरुकता अभियान शीत कार्रवाई योजना का हिस्सा होंगे।

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