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Delhi Excise Policy Case: अभी जेल में ही रहेंगी कविता, कोर्ट ने 14 दिन के लिए बढ़ाई न्यायिक हिरासत

दिल्ली आबकारी नीति मामले में के. कविता आरोपी हैं। बीआरएस नेता के. कविता को ईडी ने 15 मार्च को गिराफ्तार किया था। अब उन्हें सीबीआई ने हिरासत में लिया हुआ है। सीबीआई उनसे दिल्ली आबकारी नीति मामले में पूछताछ कर रही है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Jul 05, 2024 19:10 IST, Updated : Jul 05, 2024 19:18 IST
बीआरएस नेता के. कविता - India TV Hindi
Image Source : PTI बीआरएस नेता के. कविता

बीआरएस नेता के. कविता को एक बार फिर कोर्ट से झटका लगा है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के एक मामले में कविता की न्यायिक हिरासत 18 जुलाई तक बढ़ा दी है। शुक्रवार को कविता को तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। सुनवाई के दौरान उनके वकील ने न्यायिक हिरासत रिमांड का विरोध किया था। 

शनिवार को आ सकती है चार्जशीट

राउज एवेन्यू कोर्ट शनिवार को उनके खिलाफ दायर चार्जशीट पर विचार कर सकती है। विशेष सीबीआई जज कावेरी बावेजा ने कविता की न्यायिक हिरासत अगले 14 दिनों के लिए बढ़ा दी। सुनवाई के दौरान उनके वकील एडवोकेट पी मोहित राव ने न्यायिक हिरासत बढ़ाने की अपील का विरोध किया। 

कविता को ED ने 15 मार्च को लिया था हिरासत में

बता दें कि सीबीआई पहले ही उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। यह 6 जुलाई को विचार के लिए लंबित है। कविता को सबसे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 15 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद, उन्हें 11 अप्रैल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया। ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया है। 

पाईं गईं थी ये खामियां 

अधिकारियों ने दायर याचिका में कहा कि दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें जीएनसीटीडी अधिनियम 1991, व्यापार नियम (टीओबीआर) -1993, दिल्ली आबकारी अधिनियम-2009 और दिल्ली आबकारी नियम-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन दिखाया गया था। 

ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं। लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया था। लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया था। आरोपों के अनुसार, आबकारी विभाग ने तय नियमों के खिलाफ एक सफल टेंडर्स को लगभग 30 करोड़ रुपये की बयाना राशि वापस करने का फैसला किया था। 

करीब 144 करोड़ का हुआ नुकसान

जांच एजेंसी ने कहा कि भले ही कोई सही प्रावधान नहीं था, लेकिन कोरोना के कारण 28 दिसंबर, 2021 से 27 जनवरी, 2022 तक टेंडर लाइसेंस शुल्क पर छूट दी गई। सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

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