
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनावों में त्रिलोकपुरी (एससी) की सीट पर भी काफी लोगों की नजरें थीं। इसकी वजह ये है कि एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर सीटिंग विधायक रोहित मेहरौलिया का टिकट काटकर अंजना पारचा को मैदान में उतारा था वहीं बीजेपी ने 32 साल के एक युवा नेता रविकांत उज्जैन पर भरोसा जताया था। रविकांत ने शानदार तरीके से चुनाव लड़ते हुए बेहद करीबी मुकाबले में इस सीट से भगवा परचम लहरा दिया। इस सीट पर पार्टी की जीत इसलिए भी खास है क्योंकि 2013 में यह सीट AAP ने बीजेपी से ही छीनी थी और पिछले 3 बार से लगातातर जीत रही थी।
करीबी मुकाबले में 392 वोटों से जीते
भारतीय जनता पार्टी के इस 32 साल के युवा नेता ने बेहद करीबी मुकाबले में आम आदमी पार्टी की अंजना पारचा को 392 वोटों से हरा दिया। रविकांत को जहां 58217 वोट मिले वहीं पारचा कुल मिलाकर 57825 वोट ही जुटा पाईं। कमाल की बात यह है कि 11वें राउंड की गिनती तक आम आदमी पार्टी की अंजना पारचा आगे चल रही थीं, लेकिन 12वें और अंतिम राउंड में रविकांत ने निर्णायक बढ़त बना ली। बीच में एक समय तो ऐसा आया था कि अंजना 13 हजार से भी ज्यादा वोटों के अंतर से आगे चल रही थीं।
बीजेपी ने 3 चुनावों के बाद लिया बदला
बता दें कि 2013 में आम आदमी पार्टी ने यह सीट बीजेपी से ही छीनी थी। AAP के राजीव धींगन ने तब बीजेपी के तत्कालीन विधायक सुनील कुमार को 17 हजार से भी ज्यादा वोटों के अंतर से मात दी थी। 2015 के विधानसभा चुनावों में भी राजीव धींगन ने ही जीत दर्ज की और बीजेपी प्रत्याशी किरण वैद्य को 29 हजार से भी ज्यादा मतों के अंतर से हराया था। 2020 के विधानसभा चुनावों में AAP ने रोहित मेहरौलिया को मौका दिया जबकि बीजेपी ने किरण वैद्य को फिर उतारा। हालांकि इस बार भी AAP प्रत्याशी ने बीजेपी कैंडिडेट को 12 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से मात दे दी। इस तरह बीजेपी 3 चुनावों के बाद 2025 में जीत दर्ज कर अपना बदला पूरा किया।