Saturday, April 27, 2024
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50 एकड़ में बनेगा इंदिरा गांधी तकनीकी महिला विश्वविद्यालय का नया कैंपस

 इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी महिला विश्वविद्यालय का नया कैंपस 50 एकड़ जमीन पर नए सिरे से बनाया जा सकता है। दिल्ली का शिक्षा मंत्रालय इसके लिए भूमि उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 29, 2020 14:52 IST
 Indira Gandhi Technical Women's University's new campus...- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO  Indira Gandhi Technical Women's University's new campus to be built on 50 acres

नई दिल्ली। इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी महिला विश्वविद्यालय का नया कैंपस 50 एकड़ जमीन पर नए सिरे से बनाया जा सकता है। दिल्ली का शिक्षा मंत्रालय इसके लिए भूमि उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है। विश्वविद्यालय ने विगत चार पांच वर्षो में क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों स्तर पर सफलता हासिल की है। पहले विश्वविद्यालय में लगभग 200 सीट की क्षमता थी, जो अब बढ़कर लगभग 1200 हो चुकी है। इस वर्ष प्लेसमेंट के लिए यहां 96 कंपनियां आईं। विश्वविद्यालय की छात्राओं को अच्छे पैकेज के साथ ऑफर मिल रहे हैं। इसमें 59.45 लाख का टॉप पैकेज शामिल है। फुलटाइम जॉब के 316 ऑफर के साथ ही 189 इंटर्नशिप ऑफर मिले।

इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी महिला विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "किसी विदेशी कंपनी में 60 लाख के पैकेज पर नौकरी करने वाले स्टूडेंट देश की इकोनॉमी में सिर्फ अपनी सैलरी का योगदान कर पाएंगे। जबकि अपनी कंपनी बनाने वाले बच्चे देश की इकोनॉमी में बड़ा योगदान करेंगे।"

उपमुख्यमंत्री ने कहा, "हम विश्वविद्यालय के लिए 50 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन 50 एकड़ वाले कैंपस के बगैर ही विश्वविद्यालय फैकेल्टी और छात्राओं ने अपने ज्ञान और प्रोफेशनल कमिटमेंट के जरिए शानदार सफलता हासिल करके दिखा दी है। मैं एक लेक्चर के लिए जब लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स गया, तो परिकल्पना थी कि विशाल परिसर होगा। लेकिन इसके बगैर ही दुनिया में इस संस्थान का बड़ा नाम है।"

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार आपको बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है, लेकिन फैकेल्टी और स्टूडेंट्स की कठिन मेहनत और परिश्रम से ही विश्वविद्यालय उत्कृष्टता की ऊंचाइयों तक पहुंचेगा। इसलिए आप अपनी गति बनाए रखें। उपमुख्यमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि विश्वविद्यालय में अभी 200 छात्राएं पीएचडी कर रही हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, "एक रिपोर्ट के अनुसार 20 साल के कुल 86 स्कूल टॉपर्स में लड़कियां मात्र 31 हैं। विदेशों में अवसर पाने वाले टॉपर्स में भी लड़के अधिक हैं। इससे हमारे समाज के सॉफ्टवेयर या ऑपरेटिंग सिस्टम में मौजूद लैंगिक पूर्वाग्रह का पता चलता है। लेकिन यह विश्वविद्यालय इस कमी को ठीक करने के लिए हमारी बेटियों की प्रतिभा निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।"

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, "अभी हम अपनी प्रतिभाओं को अच्छी तरह निखारकर बड़ी कंपनियों के हवाले कर देते हैं। लेकिन अब वक्त आ गया है, जब हम अपने बच्चों को दुनिया की ऐसी बड़ी कंपनियां खड़ी करने योग्य बना सकें।"

दीक्षांत समारोह में 487 छात्राओं को स्नातक (359), स्नातकोत्तर (119) और पीएचडी (09) उपाधियों का वितरण किया गया। साथ ही, दो चांसलर अवार्ड, 11 वाइस चांसलर अवार्ड और एक एक्जेम्पलरी अवार्ड भी दिया गया। इंजीनियरिंग और विज्ञान के क्षेत्र में आज डिग्री पाने वाले काफी स्टूडेंट्स देश भर में महžवपूर्ण संस्थाओं में कार्यरत हैं।

 

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