Saturday, February 15, 2025
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Explainer: बजट के पहले क्यों बनाया जाता है हलवा? क्या है इसका इतिहास?

Budget 2025 : हर बार बजट पेश होने से कुछ दिन पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। जब बजट का दस्तावेजीकरण हो जाता है, तो उसके बाद यह आयोजन होता है।

Written By: Pawan Jayaswal
Published : Jan 18, 2025 11:27 IST, Updated : Jan 18, 2025 11:27 IST
हलवा सेरेमनी
Image Source : FILE हलवा सेरेमनी

Budget 2025 : आम बजट में अब कुछ ही दिन बचे हैं। एक फरवरी को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी। इस बजट में मिडिल क्लास और निम्न वर्ग के लिए कई सारी योजनाओं की घोषणा होने की उम्मीद है। जब भी बजट नजदीक आता है, हलवा सेरेमनी की काफी चर्चा होने लगती है। कई लोगों के मन में यह सवाल भी रहता है कि बजट से पहले एक बड़ी सी कड़ाही में हलवा क्यों बनता है और इसका क्या महत्व है। आइए जानते हैं कि इसका क्या उद्देश्य है और क्या इतिहास रहा है।

कब मनाई जाती है हलवा सेरेमनी

बजट के दस्तावेजीकरण के बाद हलवा सेरेमनी मनाई जाती है। यह आयोजन बजट प्रेस में होता है। बजट प्रेस नॉर्थ ब्लॉक में नीचे बेसमेंट में है। यहां बड़ी कढ़ाही में हलवा बनता है और सब लोग हलवा खाते हैं। हलवा सेरेमनी में वित्त मंत्री और वित्त मंत्रालय के सभी अधिकारी भाग लेते हैं। इस आयोजन के बाद बजट की छपाई शुरू हो जाती है।

10 दिन तक नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में ही रहते हैं अधिकारी

हलवा सेरेमनी के बाद बजट छापने वाले 100 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी नॉर्थ ब्लॉक में ही रहते हैं। ये लोग 10 दिन तक नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में ही रहते हैं। ये लोग वित्त मंत्री के बजट भाषण के बाद ही बाहर निकलते हैं। बजट से जुड़ी कोई भी जानकारी लीक ना हो, इसलिए यह नियम है।

क्यों होता है हलवा सेरेमनी का आयोजन?

हलवा सेरेमनी का आयोजन बजट की तैयारी पूरी होने और वित्त मंत्री के बजट भाषण से पहले होता है। बजट बनाने में लगे लोगों की कई दिनों की मेहनत रंग लाती है, इसलिए एक उत्साह का माहौल रहता है। भारतीय परंपरा में कोई भी अच्छा काम होने पर मीठा खाने और खिलाने की परंपरा रही है। इसलिए हलावा खिलाकर बजट बनाने में लगे अधिकारियों का मुंह मीठा कराया जाता है। साल 2022 में कोरोना महामारी के समय प्रोटोकॉल को देखते हुए हलवा सेरेमनी नहीं मनाई गई थी। उस साल बजट का दस्तावेजीकरण भी नहीं हुआ था। बल्कि इसे डिजिटल रूप से पेश किया गया था। उस समय हलवा सेरेमनी के बजाय मिठाई बांटी गई थी। कोविड के बाद फिर से हलवा सेरेमनी का आयोजन होता आ रहा है।

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