
NASA के दो अंतरिक्ष यात्री, सुनीता विलियम्स (59) और बुच विलमोर (62) नौ महीने बाद स्पेस से धरती पर वापस आ गए हैं। इनकी वापसी स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए हुई। दोनों एस्ट्रोनॉट्स ISS (International Space Station) पर एक टेस्ट मिशन के लिए गए थे, लेकिन बोइंग के स्टारलाइनर यान में आई खराबी की वजह से उनका मिशन निर्धारित 8 दिन के बजाए 9 महीने लंबा हो गया। अपने लंबे मिशन के दौरान वे विभिन्न कार्यों में एक्टिव रहें और दोनों ने अपने मिशन को सफलता के साथ पूरा किया।
अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौटते समय सुनीता और बुच ने मंगलवार 5:57 बजे (भारतीय समयानुसार बुधवार, 3:27 बजे) फ्लोरिडा के तट पर सागर में स्प्लैशडाउन किया। इसके बाद अंतरिक्षयात्री अपने यान से बाहर निकाले गए और उन्हें स्ट्रेचर पर ले जाया गया, जहां उनके शारीरिक परीक्षण किए गए। यह प्रक्रिया अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सामान्य है, क्योंकि वे माइक्रोग्रैविटी में लंबे समय तक रहने के बाद धरती पर वापसी करते हैं, जिससे शरीर में कई बदलाव आते हैं।
आइए जानते हैं कि अंतरिक्ष से वापस लौटने पर पोस्ट-मिशन रिकवरी में क्या-क्या प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं?
- स्वास्थ्य परीक्षण और रिकवरी: अंतरिक्ष मिशन से लौटने के बाद, अंतरिक्ष यात्रियों को आम तौर पर शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण और चिकित्सा देखभाल की जरूरत होती है। सुनीता और बुच को फ्लोरिडा से जॉनसन स्पेस सेंटर, ह्यूस्टन में ले जाया जाएगा, जहां उन्हें कुछ दिनों तक स्वास्थ्य जांच से गुजरना होगा। इसके बाद NASA के फ्लाइट सर्जन उनकी पूरी मेडिकल जांच के बाद उन्हें घर जाने की अनुमति देंगे।
- मिशन के बाद की ब्रीफिंग्स: अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के बाद, वे मिशन के दौरान अपने अनुभवों, कठिनाइयों और सफलताओं पर चर्चा करने के लिए ब्रीफिंग्स में भाग लेते हैं। इस दौरान वे अपनी यात्रा के बारे में जानकारी शेयर करते हैं और NASA को भविष्य के मिशन के लिए उपयोगी सुझाव प्रदान करते हैं।
- परिवार से मिलने का समय: कई महीनों के अंतरिक्ष मिशन के बाद, सुनीता विलियम्स अपने परिवार और दोस्तों से मिलने के लिए इंतजार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस मिशन के दौरान उनके परिवार के लिए यह एक रोलर कोस्टर जैसा अनुभव रहा है। विलियम्स ने इस महीने की शुरुआत में संवाददाताओं से कहा, "मेरे दो कुत्तों और परिवार से मिलने के लिए मैं बहुत उत्साहित हूं।" परिवार और दोस्तों से मिलने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अहम है, क्योंकि यह उन्हें पृथ्वी पर सामान्य जीवन में वापस लौटने में मदद करता है।
स्पेस में रहकर होने वाले शारीरिक बदलाव
अंतरिक्ष में रहने के दौरान, अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर में कई शारीरिक बदलाव होते हैं। माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव से उनकी मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और उनका संतुलन प्रभावित होता है। पृथ्वी पर लौटने पर उन्हें चक्कर आ सकते हैं, चलने में कठिनाई हो सकती है और शरीर के कुछ हिस्सों जैसे पैरों की त्वचा में भी बदलाव आ सकते हैं, जिसे "बेबी फीट" कहा जाता है।
सुनीता और बुच, जिनका मिशन लगभग 9 महीने लंबा था, उन्हें "बेबी फीट" जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें पैरों की त्वचा नरम हो जाती है। इसके अलावा, वे दौड़ने, चलने और आंखों की स्थिरता बनाए रखने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं।
इन समस्याओं से निपटने के लिए, आमतौर पर वापस आने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को तुरंत एक कुर्सी पर बैठाया जाता है, ताकि वे अपने शरीर को सामान्य स्थिति में लाने के लिए समय ले सकें।
अंतरिक्ष यात्रा के बाद की चुनौतियां
अंतरिक्ष यात्रा के दौरान शारीरिक और मानसिक दोनों ही स्तरों पर बड़ी चुनौतियां होती हैं, लेकिन इसके बावजूद सुनीता और बुच ने अपने मिशन को शानदार तरीके से पूरा किया। अब उनका ध्यान अपने परिवार के साथ समय बिताने और एक सामान्य जीवन में लौटने पर केंद्रित होगा।
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