
गुजरात: एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की एक उच्च-स्तरीय टीम अहमदाबाद पहुंच गई है और यह दो दिनों तक गुजरात में रहेगी। टीम का नेतृत्व प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा कर रहे हैं। इसका उद्देश्य राहत, बचाव और जांच प्रयासों की निगरानी करना है। टीम की मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक (DGP) और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के साथ महत्वपूर्ण बैठकें होंगी, जिनमें आपदा के बाद समन्वय और सहायता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्लेन क्रैश में सैकड़ों लोगों की मौत
अहमदाबाद में 12 जून को हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान (AI-171) अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद मेघानीनगर में क्रैश हो गया। विमान BJ मेडिकल कॉलेज की मेस की बिल्डिंग पर गिरा। इस हादसे में 274 लोगों की दुखद मौत हो गई। विमान में 230 यात्रियों और 12 क्रू मेंबर सहित कुल 242 लोग सवार थे। विमान में सवार एक ब्रिटिश नागरिक को छोड़कर सभी की मौत हो गई, साथ ही दुर्घटनास्थल पर मौजूद कुछ अन्य लोग भी इस हादसे का शिकार हुए।
उच्च-स्तरीय जांच समिति का गठन
केंद्र सरकार ने इस भयावह घटना को गंभीरता से लिया है। हादसे की गहन जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया है। यह टीम दुर्घटना के कारणों का पता लगाएगी, जिसमें तकनीकी खराबी, मानवीय त्रुटि या अन्य कोई कारक शामिल हो सकते हैं। जांच समिति दुर्घटनास्थल का दौरा करेगी और इसमें शामिल सभी संबंधित व्यक्तियों से बातचीत करेगी, जिनमें क्रू मेंबर्स, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और बचाव दल के सदस्य शामिल हैं।
पीएम का घटनास्थल का दौरा
इस दर्दनाक हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जून को सुबह-सुबह अहमदाबाद में दुर्घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित कई अन्य अधिकारी भी उनके साथ मौजूद थे।
PM ने व्यक्त किया गहरा दुख
हादसे के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, "अहमदाबाद में हुई त्रासदी ने हमें स्तब्ध और दुखी कर दिया है। यह दिल दहला देने वाली घटना है। इस घटना को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। इस दुखद घड़ी में, मेरी संवेदनाएं इससे प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं। मैं मंत्रियों और अधिकारियों के संपर्क में हूं जो प्रभावित लोगों की सहायता के लिए काम कर रहे हैं।"
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