Wednesday, December 24, 2025
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मेनोपोज़ के बाद इस चीज़ की कमी से महिलाओं की हड्डियां होने लगती हैं कमजोर, बढ़ सकता है ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा

बढ़ती उम्र की महिलाएं, खासतौर पर जो महिलाएं मेनोपॉज से गुजर रही हैं, उन्हें अपने डाइट में कैल्शियम युक्‍त खाद्य पदार्थों को ज़रूर शामिल करना चाहिए।

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Jul 08, 2024 02:14 pm IST, Updated : Jul 08, 2024 02:14 pm IST
मेनोपॉज के बाद हड्डियां क्यों होती हैं कमजोर- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL मेनोपॉज के बाद हड्डियां क्यों होती हैं कमजोर

जब महिलाएं 45 से 55 की उम्र में पहुंचती हैं तो मेनोपॉज के दौर से गुजरती है। मेनोपॉज में महिलाओं के पीरियड्स हमेशा के लिए बंद हो जाते हैं, जिस कारण शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्‍ट्रोजन नामक हार्मोन कम होने लगता है। यह हार्मोन महिलाओं की बॉडी में कैल्शियम को आसानी से अब्सॉर्ब कर लेता है। लेकिन जैसे जैसे उम्र बढ़ती है इस हार्मोन का प्रोडक्‍शन कम होने लगता है। इस वजह से भोजन से कैल्शियम बनाने की क्षमता में कमी आती है। इस कारण धीरे धीरे शरीर की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। नई दिल्ली स्थित आकाश हेल्थकेयर के निदेशक एवं प्रमुख-ऑर्थोपेडिक्स एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विभाग डॉ. आशीष चौधरी बता रहे हैं मेनोपोज़ के बाद मजबूत हड्डियां पाने के लिए क्या करें?

कैल्शियम की कमी से हड्डियां होने लगती हैं कमजोर 

कैल्शियम हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक पोषक तत्व है जिसकी कमी से हमारी हड्डियां चटकने और कमजोर होने लगती हैं। प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में कैल्शियम की कमी नहीं होनी चाहिए। इसकी वजह से महिलाओं का हर अंग अच्छी तरह काम करता है। कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी खतरनाक हड्डी की बीमारी हो सकती है। ऐसे में बढ़ती उम्र की महिलाएं, खासतौर पर जो महिलाएं मेनोपॉज से गुजर रही हैं, उन्हें अपने डाइट में कैल्शियम युक्‍त खाद्य पदार्थों को ज़रूर शामिल करना चाहिए।

बढ़ जाता है ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा 

ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक बीमारी है। इस स्थिति में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनके टूटने की संभावना बढ़ जाती है। खासकर, मेनोपॉज के बाद महिलाएं इस बीमारी एक बहुत ज़्यादा शिकार होती हैं। इस वजह से हड्डियों के टूटने और चटकने का खतरा भी बढ़ जाता है।

कैल्शियम लेना है जरूरी

अगर डाइट से आप कैल्शियम की कमी पूरी न हो पाएं तो डॉक्टर की सलाह पर इसका सप्लीमेंट शुरू कर सकती हैं। डॉ. आशीष चौधरी कहते हैं कि हड्डी से जुड़ी इन समस्याओं से बचने के लिए 19 साल से लेकर 70 साल के उम्र की महिलाओं को प्रतिदिन कम से कम 1000 और अधिक से अधिक 2000 एमजी कैल्शियम लेना चाहिए। कैल्शियम के साथ ही आपको विटामिन डी की कमी भी अपने बॉडी में नहीं होने देना चाहिए।

कैल्शियम युक्‍त फ़ूड का करें सेवन

कैल्शिअयम की कमी को पूरा करने के लिए दूध, पनीर और अन्य डेयरी खाद्य पदार्थ, ब्रोकोली, गोभी और भिंडी आदि, सोया सेम, मछली कैल्शियम के बढ़िया स्रोत हैं।

 

 

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