Friday, May 03, 2024
Advertisement

क्या शरीर में मरा हुआ कोरोना दोबारा हो सकता है जिंदा? डॉक्टरों से जानें हर सवाल का जवाब

दक्षिण कोरिया के डायगू और नॉर्थ ग्योंगज़िंग प्रांत के आसपास ऐसे मामले देखे गए है। यहां पर 91 कोरोना से सही हुए मरीजों को दोबारा पॉजिटिव हो गए। इन लोगों को पहली रिपोर्ट निगेटिव आती है तो दोबारा 24 घंटे बाद दोबारा टेस्ट किया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव थी।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: April 15, 2020 13:23 IST

कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। वहीं दूसरी ओर भारत, दक्षिण कोरिया, चीन सहित कई देशों से खबर सामने आ रही हैं कि ठीक हुए मरीजों को दोबारा टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। इंडिया टीवी के खास शो में डॉक्टरों के पैनल से जाने क्या वास्तव में यह दोबारा जिंदा हो सकता है। 

दक्षिण कोरिया के डायगू और नॉर्थ ग्योंगज़िंग प्रांत के आसपास ऐसे मामले देखे गए है। यहां पर 91 कोरोना से सही हुए मरीजों को दोबारा पॉजिटिव हो गए। इन लोगों को पहली रिपोर्ट निगेटिव आती है तो दोबारा 24 घंटे बाद दोबारा टेस्ट किया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव थी। 

दोबारा संक्रमित होने पर साउथ कोरिया के प्रोफेसर किम वूं जूं का कहना है कि अभी दोबारा कोरोना पॉजिटिव होने की संख्या अभी और बढ़ सकता है यह तो अभी शुरुआत है। जिसके बाद विश्व में खलबली मच गई है।

वहीं भारत में बात करें तो नोएडा के 2 ऐसे मरीज सामने आए हैं जिन्हें दोबारा कोरोना से संक्रमित पाए गए है। ऐसे में सवाल उठता है कि वास्तव में ऐसा हो सकता है। जानें हर एक सवाल का जवाब डॉक्टरों से।

डॉक्टर कौशल वर्मा के अनुसार कोरोना कभी -कभी वायरस सप्रेस हो जाता है जो दोबारा एक्टिवेट हो सकता है। इस वायरस के नेचर के बारे में अभी तक बहुत कम जानकारी सामने आई है। हमें अभी इस बारे में जानकारी नहीं है कि यह शरीर में जाकर किस तरह से बिहेव करता है। 

शंघाई से डॉक्टर संजीव चौबे ने कहना है कि किसी भी संक्रमित व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण होने पर 7-8 दिन का वक्त लग जाता है। जो कई मरीजों के शरीर में 1 साल तक तक जीवित रहता सकता है। वहीं बुजुर्ग लोगों को एंटीबॉडी का निर्माण नहीं होता है जिसके कारण उन्हें दोबारा कोरोना होने का खतरा है। 

डॉक्टर अमलेश सेठ के अनुसार कोरोना वायरस  के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं है। जिसके कारण अभी तक पूरी जानकारी नहीं है। जिस तरह चिकनपॉक्स का वायरस ऐसा होता है जो शरीर में कई जगह छिप जाता है। जो बचपन के बाद उम्र बढ़ने के साथ अलग स्टेज में साथ सामने आता है। इसी तरह कोरोना वायरस भी हो सकता है। लेकिन इसकी नेचुरल हिस्ट्री समझ नहीं आ रही हैं। इसके बारे में लगातार शोध किए जा रहे हैं। 

डॉक्टर सुरेंद्र पुरोहित के अनुसार दोबारा संक्रमित होने को लेकर 3 बाते सामने आती है। जिसमें पहली टेस्टिंग है। जब हम किसी संक्रमित व्यक्ति की टेस्टिंग करते है तो 30 प्रतिशत ही चांसेस होते है कि गलत किया गया हो। दूसरी बात जब हमारी जब कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित रहता है और वह सही हो जाता है लेकिन कई केस ऐसे होते है कि कोरोना वायरस के पार्टिकल्स बॉडी में रहते है। जो बाद में निकल आते है। तीसरा ऐसे लोग जिन्हें इंफेक्शन हुआ है और बाद में एक बार फिर इंफेक्शन हो जाए। 

जब किसी व्यक्ति को कोरोना के टेस्ट का रिजल्ट निगेटिव आने के बाद वह इससे दोबारा संक्रमित नहीं हो सकता है। इस  बारे में डॉक्टर अमलेश सेठ कहते हैं कि 100 प्रतिशत गारंटी नहीं दे सकते है। बाकी बीमारियों की एक्सपीरियंस के अनुसार जब मरीज ठीक होता है। जो जरूरी नहीं है कि टेस्ट में पॉजिटिव या निगेटिव है। ऐसे में मरीज को कुछ लक्षण खुद समझ कि वह ठीक हो गया है कि नहीं। जैसे शरीर हैल्दी रहने के साथ-साथ उल्टी, खांसी आदि समस्याओं से निजात मिल जाता है।

अंत में डॉक्टरों के अनुसार कोरोनावायरस के खिलाफ टीका बनाने और इसे लोगों को उपलब्ध कराने में डेढ़ साल लग सकते हैं। लेकिन तब तक लोगों को शांत रहना चाहिए क्योंकि सुधार धीरे-धीरे होगा। इसके साथ ही सोशल डिस्टेसिंग और हाइजीन का पूरा ध्यान रखें।

Latest Health News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें हेल्थ सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement