Tuesday, April 22, 2025
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45 से 50 के बीच महिलाओं में बढ़ सकता है डिप्रेशन और चिड़चिड़ापन, ये है सबसे बड़ी वजह, ऐसे रखें ख्याल

महिलाओं में 45 साल से 50 साल के बीच डिप्रेशन, उदासी और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। इसकी वजह शरीर में होने वाले हार्मोन परिवर्तन को माना जाता है। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को कुछ खास बातों का ख्याल रखना चाहिए। जिससे वो इस दौर से आसानी से निकल सकें।

Written By: Bharti Singh @bhartinisheeth
Published : Mar 27, 2025 7:50 IST, Updated : Mar 27, 2025 7:50 IST
Women Menopause Symptoms
Image Source : FREEPIK Women Menopause Symptoms

महिलाओं को 45 साल की उम्र के बाद किसी भी वक्त पीरियड्स बंद होने की स्थिति को झेलना पड़ सकता है। इसे मेनोपॉज कहते हैं। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में तेजी से हार्मोन परिवर्तन होते हैं। जिससे शरीर में भी कई बदलाव देखने को मिलते हैं। मेनोपॉज के दौरान महिलाएं सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि कई तरह के मानसिक बदलावों से भी गुजरती हैं। जिसमें मूड स्विंगस होना, डिप्रेशन, वजन बढ़ना, उदासी छाई रहना, चिड़चिड़ापन बढ़ना, बालों का झड़ना, मांसपेशियों का कमजोर होना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ऐसे में महिलाओं को अपने खाने-पीने से लेकर लाइफस्टाइल तक हर चीज का ख्याल रखना जरूरी है। सिर्फ महिलाओं को ही नहीं बल्कि उनके परिवार को भी इस वक्त उनकी मानसिक स्थिति को समझते हुए उनका ख्याल रखना चाहिए। जिससे वो इस स्थिति से बेहतर तरीके से निपट सकें।

 

मनीपाल हॉस्पिटल दिल्ली की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के सलाहकार डॉक्टर लीना एन श्रीधर का कहना है कि मेनोपॉज हर महिला के लिए एक अलग तरह का अनुभव होता है। जिसका असर उनकी सेहत, मेंटल हेल्थ और ओवरऑल हेल्थ पर पड़ता है। इस दौरान परिवार के लोगों को मिलकर उनका ख्याल रखना चाहिए। जो महिलाएं इस पीरियड से गुजर रही हैं उन्हें भी कुछ खास बातों का ख्याल रखना चाहिए। जिससे इस बदलाव को आसान बनाया जा सकता है। 

मेनोपॉज के दौरान महिलाएं इन बातों का रखें ख्याल

'जो महिलाएं कामकाजी हैं उन्हें काम के दौरान कुछ मिनट के शॉर्ट ब्रेक लेकर थोड़ा मेडिटेशन करना चाहिए। आपको अपनी डाइट को हेल्दी और बैलेंस करने की जरूरत है। अपने लिए समय निकालें और रोजाना किसी भी तरह का कोई व्यायाम जरूर करें। आप डॉक्टर से बात करें जिससे आप इस वक्त को आसानी से निकाल पाएं और आपकी लाइफ पर इसका नकारात्मक असर न पड़े।'

खुलकर बात करें- अगर जरूरत महसूस हो रही है तो अपने घर परिवार के लोगों से इस बारे में खुलकर बात करें। ये कोई गलत चीज नहीं है जिसे हम छुपाएं। आप अपने साथियों से इस बारे में बात कर सकते हैं। जिससे वो आपकी मदद कर सकें। जो लोग इसी तरह का अनुभव कर रहे हैं उनसे बात करें। इससे आप स्थिति से बेहतर तरीके से निपट सकती हैं।

खुद अपनी देखभाल करें- अपने आप को सबसे ऊपर रखें। अपनी सेहत और मेंटल हेल्थ का ख्याल रखें। अपने रुटीन में तनाव कम करने वाली एक्टिविटीज को शामिल करें। माइंडफुलनेस और रिलैक्सेशन का अभ्यास करें और मूड स्विंग और थकान को मैनेज करने के लिए हल्का व्यायाम जरूर करें।

डॉक्टर की सलाह लें- अगर आपको इस दौरान किसी तरह की कोई उलझन हो रही हो या कोई बात परेशान कर रही है तो अपने लक्षणों के बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ से बात करें और ट्रीटमेंट के बारे में पूछें। डॉक्टर आपको डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी चीजों के बारे में बताएंगे जिससे आप मेनोपॉज के लक्षणों को कम कर सकती हैं और इससे निपट सकती हैं। 

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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