
मिर्गी (Epilepsy) एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें बार-बार दौरे (Seizures) पड़ सकते हैं। मिर्गी दौरा पड़ने पर मांसपेशियों के काम, व्यवहार की स्थिति में असामान्यताएं पैदा होती है जिससे शरीर अकड़ने लगता है या फिर हाथ-पैरों में अलग से हलचल होती है। ऐसी स्थिति में घबराने के बजाय आपको कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए। दरअसल, मिर्गी का दौरा पड़ने पर लोग जूता और प्याज सुंघाना शुरू कर देते हैं। ये तरीका पूरी तरह से गलत है और ये इस न्यूरोलॉजिकल समस्या को और खराब कर सकती है। इसलिए इसकी जगह आपको एक्सपर्ट के बताए गए गाइडलाइन्स को अपनाना चाहिए। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सही समय पर सही कदम उठाने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। फ़रीदाबाद स्थित मारेंगो एशिया अस्पताल में निदेशक-न्यूरोलॉजी डॉ कुणाल बहरानी बता रहे हैं कि इस स्थिति में आपको पैनिक होने की बजाय क्या करना चाहिए?
मिर्गी का दौरा पड़ें पर आज़माए ये उपाय:
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मरीज को सुरक्षित जगह पर लिटाएं – उसे भीड़भाड़ या खतरनाक जगह से दूर रखें।
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सिर के नीचे कोई मुलायम चीज रखें – तकिया, या कपड़ा सिर के नीचे रख सकते हैं ताकि चोट न लगे।
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कसाव वाले कपड़े ढीले करें – खासकर गले और छाती के पास की चीजें ढीली कर दें, ताकि सांस लेने में दिक्कत न हो।
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शरीर को एक तरफ करें – ताकि मुंह में लार या उल्टी आने पर सांस की नली बंद न हो।
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कुछ भी जबरदस्ती न खिलाएं – पानी, दवा या कोई अन्य चीज मरीज के मुंह में न डालें।
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घड़ी देखकर दौरे की अवधि नोट करें – अगर दौरा 5 मिनट से ज्यादा चले, तो तुरंत एंबुलेंस बुलाएं।
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दौरे के बाद मरीज को आराम करने दें – मिर्गी का दौरा थमने के बाद कुछ समय तक मरीज थकान महसूस कर सकता है, इसलिए उसे शांत माहौल में रखें।
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अगर किसी को पहली बार मिर्गी का दौरा पड़ा है, बार-बार दौरे पड़ रहे हैं, या दौरा 5 मिनट से ज्यादा लंबा हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर की मदद लें। सही देखभाल से मिर्गी के मरीज की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
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मिर्गी आने वाले व्यक्ति में जब तक दौरा खत्म न हो जाए और वह पूरी तरह से जाग न जाए, तब तक व्यक्ति के साथ रहें। इसी दौरान डॉक्टर को कॉल करें।