Saturday, December 14, 2024
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हवा में बढ़ता प्रदूषण मस्तिष्क को बना रहा कमजोर, जानें छोटे बच्चों के दिमाग पर क्यों पड़ रहा ज़्यादा असर?

हाल ही में स्पेन के बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा किया गया है कि बढ़ता प्रदूषण बच्चों के दिमाग को डैमेज कर सकता है। इससे बच्चों को न्यूरो-डेवलपमेंट पर असर पड़ता है।

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Apr 24, 2024 20:01 IST, Updated : Apr 24, 2024 20:01 IST
हवा में बढ़ता प्रदूषण बच्चों के दिमाग को बना रहा कमजोर- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL हवा में बढ़ता प्रदूषण बच्चों के दिमाग को बना रहा कमजोर

प्रदूषण का बिगड़ता स्तर लोगों की सेहत पर नकारात्मक असर डालता है। हवा में फैले प्रदूषण की वजह से लोग कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार जहरीली हवा की वजह से लोग अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी सांस संबंधी बीमारियों का शिकार होते है, कई लोगों को आंखों से पानी, गले में खुजली की शिकायत भी होने लगी है। आप यह जानकर हैरान होंगे लेकिन प्रदूषण का सबसे ज़्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है। पॉल्यूशन की वजह से बच्चों के दिमाग का विकास प्रभावित होने लगा है। हाल ही में स्पेन के बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के एक स्टडी में यह चौंकाने वाला खुलासा किया गया है कि एयर पॉल्यूशन का असर 4 से 8 साल के बच्चों के दिमाग पर ज़्यादा पड़ता है। अध्ययन में क्या कहा गया है चलिए इस बारे में हम विस्तार से जानते हैं।

 

क्या कहती है स्टडी?

स्पेन के बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के शोधकर्ताओं के अनुसार, एयर पॉल्यूशन का असर 4 से 8 साल के बच्चों के दिमाग पर ज़्यादा पड़ता है। यह समस्या लड़कियों के मुकाबले लड़कों में ज़्यादा देखने को मिलती हैं। जिन इलाकों मे AQI 500 के पार चला जाता है वहां प्रदूषण का प्रभाव बच्चों के दिमाग पर भी पड़ सकता है। 

प्रदूषण से दिमाग में बढ़ती है सूजन

इस अध्यन में यह कहा गया है कि प्रदूषण के सम्पर्क में आने से लड़कों के दिमाग पर ज़्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है। दरअसल, लड़कियों के मुकाबले लड़कों के दिमाग का विकास धीरे-धीरे होता है। ऐसे में वायु प्रदूषण से निकलने वाली नाइट्रोजन डाइऑक्साइड से लड़कों का मस्तिष्क कमजोर होने लगता है और उससे सूजन आने लगती है। इस वजह से बच्चों की एकाग्रता में कमी आई है।  प्रदूषित कण फेफड़ों के जरिए शरीर के कई दूसरे अंगों पर भी नुकसान पहुंचाते हैं।

प्रदूषण के लिए ये कारक हैं ज़िम्मेदार

गाड़ियों ऐसे निकलने वाला धुआं, ईंधन, कोयला, ईंधन वाले बिजली के यंत्र, कीटनाशक, यातायात, कारखानों, रासायनिक उत्पादन से निकलने वाला धुंआ, औरसल्फर डाइऑक्साइड वायु प्रदूषण का मुख्य कारण बनते हैं

इन बातों का रखें ध्यान:

  • बाहर जाते समय बच्चों को मास्क जरूर लगाएं

  • बच्चों को धूल-मिट्टी वाले इलाकों में जाने से रोकें 

  • बच्चों के खानपान का विशेष ध्यान रखें

  • बच्चे को अगर लगातार खांसी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

 

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