Tuesday, May 14, 2024
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कोल्ड ड्रिंक पीने से भी है कैंसर का खतरा? WHO ने बताया चौंकाने वाला कारण

warnings against aspartame sweetener: कोल्ड ड्रिंक पीना आपके लिए जानलेवा हो सकता है। पर क्यों? WHO की रिसर्च जान आप भी बनाएंगे इससे दूरी।

Pallavi Kumari Written By: Pallavi Kumari
Updated on: June 30, 2023 11:24 IST
Coca-cola cancer warning- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL Coca-cola cancer warning

warnings against aspartame sweetener: कोल्ड ड्रिंक पीना कैंसर का कारण बन सकता है? ये हम नहीं बल्कि WHO की ये रिसर्च बता रही है। दरअसल, दुनिया के सबसे आम आर्टिफिशियल स्वीटनर में से एक एस्पार्टेम  (aspartame sweetener ) कैंसर का कारण बन सकता है। इतना ही नहीं खबर है कि अगले महीने एक प्रमुख ग्लोबल हेल्थ बॉडी द्वारा इसे संभावित कार्सिनोजन (carcinogen ) घोषित किया जा सकता है। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन की ये रिपोर्ट बहुत कुछ कहती है, आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

कोला और च्यूइंग गम को भी बताया कार्सिनोजन : WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ये रिपोर्ट बताती है कि कोला जैसे सोडा और सॉफ्ट ड्रिंक से लेकर च्यूइंग गम और कुछ स्नैपल पेय पदार्थों में इस्तेमाल होने वाले एस्पार्टेम शरीर में कैंसर सेल्स को ट्रिगर कर सकता है। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) का इसे लेकर कहना है कि एस्पार्टेम युक्त प्रोडक्ट्स भले ही आप कम लें या ज्यादा, ये आपकी सेहत को प्रभावित कर रही है।

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एस्पार्टेम क्या है और क्यों है कैंसर का कारण?

एस्पार्टेम, जो कि आर्टिफिशियल स्वीटनर है असल में मिथाइल एस्टर (methyl ester) नामक एक कार्बनिक कंपाउंड है। ये नियमित इस्तेमाल करने वाले दानेदार चीनी से 200 गुना अधिक मीठा है और 1981 में कम कैलोरी वाले स्वीटनर के रूप में बाजार में आया था। ये C14H18N2O5 है और शुगर फ्री के नाम से प्रचलित है।

  warnings against aspartame sweetener

Image Source : SOCIAL
warnings against aspartame sweetener

लेकिन, इसके बाद से इसके सेहत से जुड़े नुकसानों को लेकर लगातार चीजें सामने आती रहीं। साल 2017 में न्यूट्रिशनल न्यूरोसाइंस के शोधकर्ताओं ने बताया कि ये आपके न्यूरल हेल्थ को प्रभावित करती है जिसकी वजह से आपको सिरदर्द, दौरे, माइग्रेन, चिड़चिड़ा मूड, चिंता, अवसाद और अनिद्रा सहित व्यवहारिक और संज्ञानात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा ये कुछ कैंसर सेल्स कोभी ट्रिगर कर रही है जो कि शरीर में अलग ही बदलाव के रूप में सामने आ रहे हैं। 

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खबरों की मानें तो, जुलाई में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) द्वारा पहली बार "possibly carcinogenic to humans" के टाइटल में कई उत्पादों को सूचीबद्ध किया जाएगा जो कि कैंसर का कारण बन सकते हैं। बता दें कि इससे पहले भी एडिटिव्स पर डब्ल्यूएचओ समिति की कई रिपोर्ट आ चुकी है। इसी कड़ी में इस वर्ष ये एस्पार्टेम के उपयोग की भी समीक्षा कर रही है। इसकी बैठक जून के अंत में शुरू हो गई थी और जुलाई में इसके फैसले आ सकते हैं।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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