Monday, April 29, 2024
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वायरल इंफेक्शन और कोरोना से बचना है तो इन 3 चीजों को कर लें बैलेंस, स्वामी रामदेव ने बताए अचूक नुस्खे

Viral Infection Prevention: बदलते मौसम में वायरल इंफेक्शन से बचना है तो शरीर में वात, पित्त और कफ का सही बैलेंस बनाकर रखना जरूरी है। ये तीनों दोष अगर गड़बड़ हो जाएं को शरीर बीमार पड़ सकता है। स्वामी रामदेव से जानिए वायरल इंफेक्शन और कोरोना से कैसे बचें?

Written By : Sajid Khan Alvi Edited By : Bharti Singh Updated on: March 11, 2024 9:20 IST
वायरल इंफेक्शन से कैसे बचें- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV वायरल इंफेक्शन से कैसे बचें

ज़िंदगी में अच्छी सेहत और खुशियां पाने का फॉर्मूला 'नागोमी'। इसका अर्थ है संतुलन, यानि ज़िंदगी के तमाम उतार-चढ़ाव का सामना करने की शक्ति। बात चाहे खाने में खट्टा, मीठा, तीखा हर स्वाद शामिल करने की हो या फिर सर्दी, गर्मी, पतझड़, बसंत हर मौसम गुज़ारने की। नागोमी सबकुछ सिखाती है, क्योंकि ये संतुलन से ज़िंदगी जीने की जापानी विचारधारा है। बैलेंस जीवन के साथ साथ शरीर के अंदर मौजूद बायोलॉजिकल एनर्जी के बीच भी होना ज़रूरी है। क्योंकि इन एनर्जी का संतुलन बिगड़ जाए तो वात,पित्त-कफ में से कोई भी दोष बढ़ सकता हैं।

त्रिदोष इम्बैलेंस होने का सबसे पहला असर इम्यूनिटी पर पड़ता है। बीमारियों से लड़ने की शरीर की ताकत कम हो जाती है। आजकल तो वैसे ही सेहत पर डबल खतरा मंडरा रहा है। एक तरफ स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं, तो वहीं वायरल के लक्षणों में छुपकर कोरोना भी अपना हमला तेज़ कर रहा है। ऐसे में जो लोग नॉर्मल फीवर समझकर खुद ही एंटीबायोटिक  ले लेते हैं।उन्हें खासतौर पर अलर्ट रहना चाहिए। ज्यादा दिन खांसी,बुखार, थकान-कमज़ोरी, गले में खराश, सिरदर्द, चेस्ट कंजेशन या पेटदर्द बना रहे तो जाकर proper हेल्थ टेस्ट करवाएं। 

क्योंकि इन सिंपटम्स के पीछे की वजह कोरोना या फ्लू दोनों में से कुछ भी हो सकता है। जो उन लोगों के लिए ज़्यादा घातक हैं, जो पहले से ही शुगर-बीपी जैसी क्रॉनिक डिज़ीज़ से जूझ रहे हैं। अगर शरीर के अंदर वात, पित्त,कफ बैलेंस होंगे तो शरीर का इम्यून सिस्टम इतना स्ट्रॉन्ग होगा कि फिर चाहे सीज़नल वायरल हो या कोरोना कोई आसानी से हमला नहीं कर पाएगा। स्वामी रामदेव से जानिए त्रिदोष का संतुलन कैसे बनेगा?

स्वाइन फ्लू- कोरोना के एक जैसे लक्षण

खांसी
बुखार
थकान
कमज़ोरी
गले में खराश
सिरदर्द
चेस्ट कंजेशन
पेटदर्द
डायरिया
 

कफ के रोग  

  • मोटापा
  • थायराइड
  • सर्दी,खांसी,जुकाम
  • मोतियाबिंद
  • कम सुनाई देना
  • आंखों का लाल होना
  • डार्क सर्कल होना

कफ दोष बैलेंस

श्वासारि काढ़ा

दूध-पिपली
त्रिकुटा पाउडर
हल्दी-दूध-शिलाजीत

पित्त के रोग  

  • एसिडिटी 
  • अल्सर 
  • हिंचकियां आना
  • जॉन्डिस होना

पित्त बैलेंस करने के लिए क्या खाएं ?

घी 
खीरा
गाजर
पत्तेदार सब्जी
एलोवेरा जूस

पित्त दोष बैलेंस 

एलोवेरा
लौकी
व्हीटग्रास
घी में लहसुन पकाकर खाएं
हल्दी,मेथी का पाउडर लें

वात के रोग  

  • घुटने में दर्द 
  • हड्डियों में कैविटी
  • शरीर में तेज दर्द
  • पैरों में ऐंठन
  • कमज़ोरी

वात संतुलन के लिए क्या खाएं ?

घी
अदरक
लहसुन
दूध-मक्खन
मूंग दाल
राजमा

वात संतुलन के लिए क्या ना खाएं ?

बाजरा
जौ, मक्का
ठंडा जूस
नाशपाती
कच्चे केले

वात की परेशानी में ये जूस है कारगर

हरसिंगार
निरगुंडी
एलोवेरा

वात दोष होगा शांत 

हल्दी
मेथी
लहसुन

 

 

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