Thursday, March 28, 2024
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एम्स प्रशासन के साथ बैठक के बाद नर्स यूनियन ने अपनी हड़ताल वापस ली

म्स प्रशासन के साथ बैठक के बाद एम्स नर्स यूनियन ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। इससे पहले यूनियन अपनी मांगों को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया था, जबकि एम्स के निदेशक ने उनसे आंदोलन वापस लेने और काम पर लौटने की अपील की थी।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 15, 2020 23:18 IST
दिल्ली AIIMS में नर्सों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, मरीजों की मुश्किलें बढ़ीं- India TV Hindi
Image Source : FILE दिल्ली AIIMS में नर्सों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, मरीजों की मुश्किलें बढ़ीं

नयी दिल्ली: एम्स प्रशासन के साथ बैठक के बाद एम्स नर्स यूनियन ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। इससे पहले यूनियन अपनी मांगों को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया था, जबकि एम्स के निदेशक ने उनसे आंदोलन वापस लेने और काम पर लौटने की अपील की थी। यूनियन की मांगों में छठे केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा को लागू करना और अनुबंध पर भर्ती खत्म करना भी शामिल है। करीब पांच हजार नर्स आज दोपहर से हड़ताल पर चले गए थे जिससे इस प्रतिष्ठित अस्पताल में रोगी देखभाल सेवाएं बाधित हुईं थी। 

वहीं एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक वीडियो संदेश में महामारी के समय में हड़ताल को ‘‘अनुपयुक्त एवं दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया था। उन्होंने एक भावुक संदेश में कहा था, ‘‘मैं सभी नर्सों और नर्सिंग अधिकारियों से अपील करता हूं कि वे हड़ताल पर नहीं जाएं और जहां तक नर्सों की बात है उनके संदर्भ में हमारी गरिमा को शर्मिंदा नहीं करें।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘इसलिए मैं आप सभी से अपील करता हूं कि वापस आएं और काम करें और इस महामारी से निपटने में हमारा सहयोग करें।’’ हड़ताल पहले 16 दिसंबर से शुरू होने वाली थी। 

गुलेरिया ने कहा था कि नर्स संघ ने 23 मांगें रखी थीं और एम्स प्रशासन तथा सरकार ने उनमें से लगभग सभी मांगें मान ली हैं। उन्होंने कहा था कि एक मांग मूल रूप से छठे वेतन आयोग के मुताबिक शुरुआती वेतन तय करने की असंगतता से जुड़ी हुई है। 

एम्स निदेशक ने कहा था कि नर्स संघ के साथ कई बैठकें न केवल एम्स प्रशासन की हुई हैं बल्कि स्वास्थ्य मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार, व्यय विभाग के प्रतिनिधियों के साथ भी हुई हैं और जिस व्यक्ति ने छठे सीपीसी का मसौदा तैयार किया वह भी बैठक में मौजूद था। उन्हें बताया गया था है कि उसकी व्याख्या सही नहीं है। छठे सीपीसी की मांग के अलावा नर्स भर्ती में लैंगिक आरक्षण को खत्म करने और अनुबंध पर नियुक्तियां बंद करने आदि की भी मांग कर रहे हैं। निदेशक को लिखे पत्र में संघ ने कहा कि एम्स प्रशासन ने ठोस उपाय नहीं किए और छठे केंद्रीय वेतन आयोग से जुड़ी उनकी मांगों को खारिज कर दिया गया।

इनपुट-भाषा

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