Friday, April 19, 2024
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एच1बी और एल1 वीजा के मुद्दे पर अमेरिकी प्रशासन से बात की गई: प्रभु

भारतीय वाणिज्यमंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को कहा कि एच1बी और एल1 वीजा के मुद्दे पर अमेरिकी प्रशासन से बात की गई है।

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Published on: October 29, 2017 7:36 IST
jaitley- India TV Hindi
Image Source : PTI jaitley

वाशिंगटन: भारतीय वाणिज्यमंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को कहा कि एच1बी और एल1 वीजा के मुद्दे पर अमेरिकी प्रशासन से बात की गई है। इस वीजा के जरिए भारतीय आईटी पेशेवरों को अमेरिका में प्रवेश मिला है और इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को अपार लाभ हुआ है। प्रभु ने अमेरिका के अपने आधिकारिक दौरे के समापन पर यहां संवाददाताओं से कहा, "हमने भारतीय पेशेवरों के मुद्दों को और एच1बी व एल1 वीजा के मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया।" डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद प्रभु के इस दौरे के दौरान भारत ने अमेरिका के साथ पहली व्यापार वार्ता आयोजित की। उन्होंने कहा, "हम अमेरिका के साथ इस मुद्दे को उठा रहे हैं कि उसके लिए इस स्थिति से उबरना कठिन होगा, क्योंकि देश को आईटी पेशेवरों की सेवाओं से अपार लाभ होता है।" (नोटबंदी के लिए मुझ पर दबाव बनाया जाता तो मैं इस्तीफा दे देता: चिदंबरम )

संरक्षणवादी के रूप में ट्रंप के निर्वाचन के बाद अमेरिका ने एच1बी और एल1 वीजा जारी करने के लिए कड़े नियम घोषित किए हैं। प्रभु ने 25-28 अक्टूबर के अपने दौरे के दौरान अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइथिजर के साथ द्विपक्षीय व्यापार नीति मंच टीपीएफ के प्रारूप के तहत बातचीत की और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस के साथ भारत-अमेरिकावाणिज्यिक संवाद की सहअध्यक्षता की। प्रभु ने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर और उसका विविधीकरण कर व्यापार घाटा के मुद्दे को सुलझाने पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने अमेरिका को आम और अनार के निर्यात की प्रक्रिया को आसान बनाने की मांग की है।

प्रभु ने रॉस के हवाले से कहा कि भारत से आयात घटाना व्यापार घाटा कम करने का कोई विकल्प नहीं है। प्रभु ने कहा, "वाणिज्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि व्यापार घाटा एक मुद्दा है, लेकिन भारत से आयात घटाकर नहीं, बल्कि अमेरिका से भारत को अधिक निर्यात को बढ़ावा देकर, जो कि स्पष्टतौर पर एक बहुत ही सकारात्मक और अत्यंत दूरदर्शी विचार है, जिसका हम स्वागत करते हैं।" उन्होंने कहा कि भारत आगामी वर्षो में अमेरिका से अधिक आयात करने की स्थिति में होगा। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली ने वाशिंगटन से कच्चा तेल खरीदना शुरू कर दिया है और भारत में तेजी से बढ़ रहे उड्डयन बाजार में अमेरिका के लिए काफी संभावनाएं हैं। प्रभु अपने दौरे के अंत में क्यूबा रवाना हो गए, जहां वह हवाना में 28-31 अक्टूबर तक रहेंगे, और द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ावा देने के लिए बातचीत करेंगे।

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