Thursday, April 25, 2024
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Batla House Encounter: फांसी से पहले आरिज खान को देना पड़ेगा 11 लाख जुर्माना, दिल्ली की साकेत कोर्ट का फैसला

दिल्ली में हुए बाटला हाउस एनकांटर मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आतंकी आरिज खान को दोषी पाया है और फांसी की सजा सुनाई लेकिन फांसी से पहले आरिज खान को 11 लाख रूपए जुर्माना देना पड़ेगा। दस लाख रुपए शहीद मोहन चंद शर्मा की फैमिली को दिए जायेंगे और एक लाख सरकारी खाते में जायेंगे।

Atul Bhatia Reported by: Atul Bhatia @atul_bhatia1
Updated on: March 15, 2021 22:57 IST
Batla House Encounter convicted Ariz Khan Fined Rs 11 lakh before hanging till death- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली में हुए बाटला हाउस एनकांटर मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आतंकी आरिज खान को दोषी पाया है।

नई दिल्ली: दिल्ली में हुए बाटला हाउस एनकांटर मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आतंकी आरिज खान को दोषी पाया है और फांसी की सजा सुनाई लेकिन फांसी से पहले आरिज खान को 11 लाख रूपए जुर्माना देना पड़ेगा। दस लाख रुपए शहीद मोहन चंद शर्मा की फैमिली को दिए जायेंगे और एक लाख सरकारी खाते में जायेंगे। कोर्ट ने इस मामले को 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' केस माना है। बता दें कि सितंबर 2008 को हुए एनकाउंटर में आतंकवादियों की तरफ से की गई गोलीबारी में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे। इस मामले को लेकर राजनीति भी खूब हुई थी। आरिज खान को इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया है। 

13 सितंबर 2008 को दिल्ली में सीरियल बम धमाके हुए थे और उसके बाद मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस को सूचना मिली थी कि बाटला हाउस में धमाकों को अंजाम देने वाला संदिग्ध आतंकवादी जामिया नगर के बाटला हाउस में छिपा हुआ है। धमाकों के करीब एक हफ्ते बाद दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के नेतृत्व में टीम जब आतंकवादियों के ठिकाने पर पहुंची तो पुलिस टीम के ऊपर फायरिंग की गई जिसमें इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को गोली लगी और वे शहीद हो गए थे। 

पुलिस की गोलीबारी में 2 संदिग्ध आतंकवादी मारे गए जबकि 1 को गिरफ्तार किया गया, 2 आतंकवादी वहां से फरार होने में कामयाब हो गए थे। एनकाउंटर के समय मारे गए आतंकियों के नाम आतिफ आमीन और मोहम्मद साजिद थे, मोहम्मद सैफ को मौके से पकड़ा गया था। इस एनकाउंटर में एक पुलिसकर्मी घायल भी हुआ था जबकि शहीद होने वाले इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। इससे पहले 2013 में इस मामले में शहजाद अहमद को सज़ा हो चुकी है, वह भी उन आतंकियों में शामिल था जो एनकाउंटर के समय बाटला हाउस से भागा था। 

आरिज़ खान को 2008 में दिल्ली ,जयपुर,अहमदाबाद में हुए बम धमाकों का मुख्य साजिशकर्ता माना गया है, इसके अलावा उत्तर प्रदेश की अदालतों में हुए धमाकों का मुख्य साज़िशकर्ता भी वही है। इन सभी धमाकों में इन धमाकों में 165 लोग मारे गए थे और 535 लोग घायल हो गए थे। उस समय आरिज खान पर 15 लाख रुपये का इनाम था और इसके खिलाफ इंटरपोल के जरिये रेड कॉर्नर नोटिस निकला हुआ था। 

आजमगढ़ के रहने वाले आरिज़ खान उर्फ जुनैद को स्पेशल सेल की टीम ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था और इसके पकड़े जाने से इंडियन मुजाहिद्दीन को दुबारा खड़ा करने के मंसूबे ध्वस्त हो गए थे। स्पेशल सेल को पता चला था कि प्रतिबंधित संगठन सिमी और इंडियन मुजाहिद्दीन के लोग नेपाल से युवाओं को देश मे अवैध गतिविधियों के लिए तैयार कर रहे हैं। इसके बाद सिमी से जुड़े अब्दुल सुहान उर्फ तौकीर को जनवरी 2018 में गिरफ्तार किया गया, तौकीर ने आरिज़ खान के बारे में कई अहम जानकारियां दी थीं। उन्हीं जानकारियों के आधार पर पता चला था कि आरिज़ खान 13 फरवरी 2018 को भारत नेपाल सीमा के बनबसा बॉर्डर से अपने किसी साथी से मिलने यूपी आने वाला है,इसी सूचना पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।  

आरिज़ ने मुजफ्फरनगर के एसडी कॉलेज से बी टेक की पढ़ाई की है और वह बम बनाने में माहिर था। धमाकों के बाद आरिज़ नेपाल भाग गया था और वहां की नागरिकता हासिल कर सलीम नाम से रह रहा था ,उसने इसी नाम से पासपोर्ट बनवाया हुआ था। उसके नेपाल में एक रेस्टोरेंट खोला था और वहां पढ़ाता भी था।  वो नेपाल में 2014 तक रहा ,इस दौरान वो रियाज़ भटकल के संपर्क में आया ,रियाज़ ने उसे इंडियन मुजाहिद्दीन को दुबारा खड़ा करने के लिए सऊदी अरब बुलाया,वो 2014 में सऊदी अरब गया और वहां एक मजदूर बनकर सिमी और आईएम के लोगों से मिलता रहा। 

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