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भूपेन हजारिका: 10 वर्ष की आयु में गाया पहला गाना, अपने गीतों से पूरे देश के दिल पर छोड़ी छाप

भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को असम के तिनसुकिया जिले के सदिया गांव में हुआ था। हजारिका के पिताजी का नाम नीलकांत एवं माताजी का नाम शांतिप्रिया था।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : Jan 25, 2019 08:44 pm IST, Updated : Jan 25, 2019 08:46 pm IST
bhupen hazarika- India TV Hindi
Image Source : BHUPEN HAZARIKA bhupen hazarika

नई दिल्‍ली। भूपेन हजारिका का जन्‍म 8 सितंबर 1926 को असम के तिनसुकिया जिले के सदिया गांव में हुआ था। हजारिका के पिताजी का नाम नीलकांत एवं माताजी का नाम शांतिप्रिया था। भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के वह एक बहुमुखी प्रतिभा के गीतकार, संगीतकार और गायक थे। इसके अलावा वे असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी थे।

हजारिका भारत के ऐसे विलक्षण कलाकार थे जो अपने गीत खुद लिखते थे, संगीतबद्ध करते थे और गाते थे। उन्हें दक्षिण एशिया के श्रेष्ठतम जीवित सांस्कृतिक दूतों में से एक माना जाता है। उन्होंने कविता लेखन, पत्रकारिता, गायन, फिल्म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में काम किया।

भूपेन हजारिका के गीतों ने लाखों दिलों को छुआ। हजारिका की असरदार आवाज में जिस किसी ने उनके गीत "दिल हूम हूम करे" और "ओ गंगा तू बहती है क्यों" सुना वह इससे इनकार नहीं कर सकता कि उसके दिल पर भूपेन दा का जादू नहीं चला। अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा भूपेन हजारिका हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाना गाते थे। उनहोने फिल्म "गांधी टू हिटलर" में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन "वैष्णव जन" गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।

हजारिका के पिताजी मूलतः असम के शिवसागर जिले के नाजिरा शहर से थे। दस संतानों में सबसे बड़े, हजारिका का संगीत के प्रति लगाव अपनी माता के कारण हुआ, जिन्होंने उन्हें पारंपरिक असमिया संगीत की शिक्षा जनम घुट्टी के रूप में दी। बचपन में ही उन्होंने अपना प्रथम गीत लिखा और दस वर्ष की आयु में उसे गाया। साथ ही उन्होंने असमिया चलचित्र की दूसरी फिल्म इंद्रमालती के लिए 1939 में बारह वर्ष की आयु में काम भी किया।

हजारिका ने करीब 13 साल की आयु में तेजपुर से मैट्रिक की परीक्षा पास की। आगे की पढ़ाई के लिए वे गुवाहाटी गए। 1942 में गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज से इंटरमीडिएट किया। 1946 में हजारिका ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एम.ए. किया। इसके बाद पढ़ाई के लिए वे विदेश गए। न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय से उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल की।

सम्मान

हजारिका को 1975 में सर्वोत्कृष्ट क्षेत्रीय फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, 1992 में सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें 2009 में असोम रत्न और इसी साल संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड, 2011 में पद्म भूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

कुछ गीत

  • असोम अमार रूपाहि
  • ऑटोरिक्शा चलाओ
  • बिश्टिर्ना पाड़रे
  • दिल हूम् हूम् करे (हिन्दी फिल्म रुदाली)
  • गजगामिनी (शीर्क गीत)
  • गंगा
  • बिस्तीर्ण दुपारे
  • आमि एक यायाबर
  • मानुष मानुषेर जन्ये
  • प्रतिध्बनि शुनि
  • सागर संगमे
  • आज जीबन खुँजे पाबि
  • मोइ एटि जजबार
  • ओ विदेशी बंधु दुर्भगिया
  • समय ओ धीरे चलो (हिन्दी फिल्म रुदाली)
  • समोयार अग्रगति

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