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भारतीय संस्थानों में उपयुक्त माहौल नहीं है: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अफसोस जताया कि देश में उसकी (शिक्षा) संस्थान प्रणाली में उपयुक्त माहौल नहीं है।

Written by: Bhasha
Published : Dec 16, 2018 07:11 am IST, Updated : Dec 16, 2018 07:37 am IST
प्रणब दा का अभिवादन...- India TV Hindi
प्रणब दा का अभिवादन करते हुए अतिथि

रांची: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अफसोस जताया कि देश में उसकी (शिक्षा) संस्थान प्रणाली में उपयुक्त माहौल नहीं है। इसके अलावा उन्होंने आह्वान किया किया शिक्षा के लिए बुनियादी ढांचा और गुणवत्ता दोनों विकसित किए जाने चाहिए। मुखर्जी ने तीन स्नातकों का उल्लेख किया जो भारतीय विश्वविद्यालयों से पढ़कर निकले लेकिन विदेशों में काम करते हुए प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल किया।

उन्होंने कहा, ‘‘1930 के बाद किसी भी भारतीय ने भारतीय विश्वविद्यालय में मूलभूत अनुसंधान पर काम करते हुए नोबेल पुरस्कार हासिल नहीं किया। सर सी वी रमन (नोबेल पुरस्कार जीतने वाले) ऐसे प्रथम और आखिरी (भारतीय) थे। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही साथ, मैं जिक्र करता हूं कि तीन भारतीय स्नातकों -- कलकत्ता विश्वविद्यालय से अमर्त्यसेन, पंजाब विश्वविद्यालय से हरगोविंद खुराना और सुब्रमण्यम चंद्रशेखर ने नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया।’’ 

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने ये पुरस्कार प्राप्त तो किया लेकिन भारतीय विश्वविद्यालयों में काम करते हुए नहीं। उन्होंने कहा कि ये एक मूलभूत कमी को दर्शाता है कि देश में हमारी संस्थान प्रणाली में उपयुक्त माहौल नहीं है। उन्होंने यहां भारतीय प्रबंधन संस्थान के दसवें स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा, ‘‘दरअसल जिसकी जरुरत है, वो यह है कि हमारे यहां उच्च शिक्षा में बुनियादी ढांचों में भौतिक विस्तार ही नहीं हो, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता भी स्कूल से शुरू हो।’’

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