सर्दियों का मौसम शुरू होते ही बाजार में सिंघाड़े बड़ी तेजी से बिकने लगते हैं। चार महीने तक हर ठेले पर यह पानी फल खूब नज़र आएंगे। हालांकि, इसका सेवन आमतौर पर व्रत के समय में किया जाता हैं। लेकिन ये न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट लगते हैं बल्कि ये सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद हैं। इसमें विटामिन-सी, मैंगनीज, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, पोटेशियम और आयोडीन जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। इस फल की कीमत भी ज़्यादा नहीं होती है। आपको यह मार्केट में आसानी से 30 से 50 रुपए के बीच में मिल जाएगा। इसलिए इसे गरीबों का सेब भी कहा जाता है। क्या आप जानते हैं ये फल डायबिटीज के मरीजों के लिए भी बहुत ज़्यादा लाभकारी है। चलिए आपको बताते हैं सिंघाड़ा (health benefits of singhara fruit) से ब्लड शुगर लेवल को कैसे कंट्रोल करें और सेहत को अन्य कौन से फायदे मिलते हैं
डायबिटीज मरीजों के लिए है असरदार
सिंघाड़ा में काफी मात्रा में फाइबर होता है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इससे ब्लड शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ता है, जो डायबिटीज वाले लोगों के लिए फायदेमंद है। डाइट में फाइबर का ज़्याद सेवन करने से मल त्याग में आसानी होती है, ब्लड कोलेस्ट्रॉल कम होता है साथ ही ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर आंत को स्वस्थ बनाता है।
इन बीमारियों में भी है फायदेमंद है सिंघाड़ा:
सिंघाड़ा के नियमित सेवन से ब्लड शुगर लेवल ही कंट्रोल नहीं रहता है बल्कि यह फल अस्थमा, एसिडिटी, गैस, अपच में भी कारगर है। फाइबर से भरपूर होने के कारण पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और पेट साफ करता है। इसमें मौजूद कैल्शियम और फास्फोरस हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं।
क्या है सिंघाड़े खाने का सही तरीका?
वैसे तो सिंघाड़े को कच्चा भी खाया जा सकता है। आप चाहे तो इसे उबालकर, फ्राई करके, अचार बनाकर या फिर सब्जी बनाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं। लेकिन इसे खाने का सबसे बेहतरीन तरीका उबालकर माना जाता है।सिंघाड़े को पानी में उबालें, छिलके हटाएँ और सफेद गूदा खाएं। आप इसे मसाले, नींबू और धनिया डालकर चाट की तरह भी खा सकते हैं।
Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।)