Friday, April 26, 2024
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जरूरतमंद देशवासियों की मदद के लिए स्थापित किए गए 22 हजार से ज्यादा राहत शिविर, केंद्र सरकार ने SC में कहा

केन्द्र सरकार ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिये लागू लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद देशवासियों को खाना-पीना और आश्रय उपलब्ध कराने के लिये देश के 578 जिलों में 22 हजार से ज्यादा राहत शिविर काम कर रहे हैं।

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: April 07, 2020 18:07 IST
जरूरतमंद देशवासियों की मदद के लिए स्थापित किए गए 22 हजार से ज्यादा राहत शिविर, केंद्र सरकार ने SC मे- India TV Hindi
जरूरतमंद देशवासियों की मदद के लिए स्थापित किए गए 22 हजार से ज्यादा राहत शिविर, केंद्र सरकार ने SC में कहा

नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिये लागू लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद देशवासियों को खाना-पीना और आश्रय उपलब्ध कराने के लिये देश के 578 जिलों में 22 हजार से ज्यादा राहत शिविर काम कर रहे हैं। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ को केन्द्र ने नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिये प्रयत्नशील दो कार्यकर्ताओं की जनहित याचिका के जवाब में यह जानकारी दी। 

सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर और अंजलि भारद्वाज द्वारा दायर इस जनहित याचिका में पलायन कर रहे कामगारों के जीवन के मौलिक अधिकार की रक्षा और लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हुये श्रमिकों को उनके पारिश्रमिक का भुगतान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार द्वारा न्यायालय में पेश रिपोर्ट में राहत शिविरों, आश्रय गृहों और भोजन शिविरों के तथ्यों और आंकड़ों का विवरण दिया गया। 

इन शिविरों का संचालन कई राज्य सरकारें और गैर सरकारी संगठन कर रहे हैं। इन शिविरों में लाखों व्यक्तियों को भोजन और रहने की सुविधा प्रदान की गयी है। केन्द्र ने यह जनहित याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुये कहा कि सारे हितधारक परस्पर तालमेल करके काम कर रहे हैं और स्थिति से निबटने के लिये सक्रिय होकर एहतियाती कदम उठा रहे हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि केन्द्र और सभी राज्य सरकारें मिलजुल कर काम कर रही हैं और उन्हें इस संक्रमण के फैलने को न्यूनतम रखने में सफलता मिली है। 

रिपोर्ट के अनुसार इस समय देश के 578 जिलों में सरकार 22,567 राहत शिविर चला रही है जबकि कई गैर सरकारी संगठन भी 3,909 शिविरों का संचालन कर रहे हैं। इन शिविरों में एक करोड़ से भी ज्यादा जरूरतमंदों को आश्रय दिया गया है और यहां उन्हें भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा 17,000 से अधिक भोजन शिविर भी काम कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार 15 लाख से ज्यादा लोगों को उनके नियोक्ताओं ने आश्रय देने और उनके भोजन का बंदोबस्त किया है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि केन्द्र सरकार और सभी राज्य सरकारें समाज के प्रत्येक वर्ग के संरक्षण के लिये आवश्यक कदम उठा रही हैं। शीर्ष अदालत ने इस रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद जनहित याचिका पर सुनवाई 13 अप्रैल के लिये स्थगित कर दी। न्यायालय ने साथ ही यह टिप्पणी कि वह 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान पलायन करने वाले श्रमिकों के स्वास्थ्य और उनके प्रबंधन के मामले से निबटने में दक्ष नहीं है।

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