Friday, March 29, 2024
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‘मेड इन इंडिया’ के तहत निर्मित टैंक इंजन रक्षा मंत्री ने सेना को सौंपे, भीष्म और अजय में किए जाएंगे इस्तेमाल

इससे पहले भारत टर्बोचार्जर, सुपरचार्जर, फ्यूल इंजेक्शन पंप जैसे महत्वपूर्ण पुर्जों के लिए रूस पर निर्भर था।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 28, 2018 17:39 IST
रक्षा मंत्री निर्मला...- India TV Hindi
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण।

चेन्नई: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में निर्मित उच्च क्षमता और बहु ईंधन वाले दो श्रेणी के इंजनों को शनिवार को औपचारिक तौर पर थल सेना को सौंपा। आयुध निर्मात्री बोर्ड की इकाई इंजन फैक्टरी, अवाडि ने पहली बार केंद्र के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत इन इंजनों का निर्माण किया है।

 
कारखाने में आयोजित एक कार्यक्रम में सीतारमण ने दोनों तरह के इंजन के दस्तावेज थलसेना के उपाध्यक्ष देवराज अंबू को सौंपा। वी92एस2 इंजन 1000 हॉर्सपावर का है और उसका इस्तेमाल टी-90 भीष्म टैंक में किया जाएगा। वहीं वी-46-6 इंजन का प्रयोग टी-72 अजय टैंक में किया जाएगा। हालांकि रूसी डिजाइन के आधार पर इन इंजनों का निर्माण किया गया है।

भारत टर्बोचार्जर, सुपरचार्जर, फ्यूल इंजेक्शन पंप जैसे महत्वपूर्ण पुर्जों के लिए रूस पर निर्भर था। इंजन फैक्टरी ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत इन दोनों इंजनों का निर्माण 100 प्रतिशत देशी सामान से किया है। इंजन कारखाने के स्वदेशीकरण के प्रयासों से हर साल 80 करोड़ रुपये की बचत की संभावना है। 

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