Saturday, May 04, 2024
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Exclusive: लद्दाख में अप्रैल वाली पोजिशन पर लौटने के लिए चीन का फौजी कमांडर क्यों हुआ सहमत?

सोमवार को करीब 11 घंटे तक चली कोर कमांडर्स की मीटिंग में तय हुआ कि भारत और चीन दोनों देशों की फौज अपनी अपनी पुरानी पोजीशन पर लौटेगी। 

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 23, 2020 23:41 IST
Exclusive: लद्दाख में अप्रैल वाली पोजिशन पर लौटने के लिए चीन का फौजी कमांडर क्यों हुआ सहमत? - India TV Hindi
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नई दिल्ली: सोमवार को करीब 11 घंटे तक चली कोर कमांडर्स की मीटिंग में तय हुआ कि भारत और चीन दोनों देशों की फौज अपनी अपनी पुरानी पोजीशन पर लौटेगी। चीन अपनी पुरानी पोजीशन पर लौटने के लिए तैयार हो गया है। भारत की ओर से चीन को साफ-साफ बता दिया गया था कि जब तक वो अप्रैल 2020 की पोजीशन पर वापस नहीं जाती, तब तक बात नहीं बनेगी। इसके बाद चीन शान्ति के लिए तैयार हो गया। भारत की फौज भी पुरानी पोजीशन पर लौटेगी। 

भारत की पहली मांग थी कि गलवान घाटी में LAC पर अप्रैल 2020 वाली यथास्थिति बनी रहे। चीन जहां था वहीं पहुंच जाए और चीन ने ये बात मान ली। भारत की दूसरी मांग थी कि चीन हाल ही में बने अपने सभी स्ट्रक्चर्स को हटाए और अपना सारा सामान लेकर अपने बेस कैंप की तरफ लौट जाए। चीन इस पर भी तैयार हो गया।

भारत की तीसरी मांग थी कि पेंगौंग सो झील पर भी चीनी सैनिक फिंगर पांच खाली कर दें। चीन की आर्मी फिंगर 8 से पीछे अपने कैंप की तरफ चली जाए। इसपर मामला अटका हुआ है। फिर दोबारा बात होगी।

 इस मीटिंग में लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने 1962 के मैप और बाकी सबूत दिए। उन्होंने 1996 और 2005 के समझौतों को याद दिलाई और साफ कहा कि चीन को अप्रैल 2020 का स्टेटस को मानना होगा। अगर चीन के सैनिकों ने एग्रेशन दिखाया, हिंसा या खूनखराबे की कोशिश की तो उसे उसी अंदाज में और उससे भी ज्यादा करारा जबाव मिलेगा। मीटिंग में इस बात पर सहमति बनी कि एलएसी पर डिसइंगेजमेंट की कार्रवाई आगे भी जारी रहनी चाहिए। इसके साथ ही ईस्टर्न लद्दाख और LAC पर बाकी मुद्दों को सुलझाने पर आगे भी बात होगी।

मीटिंग में एक-एक करके सारे विवादित मुद्दे डिस्कस किए गए। बाकायदा पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए चीन को उसकी चालबाजी के बारे में बताया गया। चीन से कहा गया कि सिर्फ लद्दाख नहीं बल्कि LAC पर सिक्किम समेत दूसरी जगहों से भी अपनी फोर्स को पीछे बुलाना पडे़गा। 

लद्दाख के पेंगौंग सो झील को लेकर भी भारत का रुख साफ दिया। भारत के कमांडर की तरफ से दो टूक कहा गया कि चीन की सेना जबतक पैंगोंग सो इलाके में अपनी पुरानी पोजिशन पर नहीं लौटेगी, तब तक भारतीय सेना भी उतनी ही ताादाद में उतने ही हथियारों के साथ चीन के सामने डटी रहेगी। आपको बता दें कि आमतौर पर भारतीय सेना फिंगर 4 के पीछे रहती हैऔर चीनी सेना फिंगर 8 के पीछे। लेकिन चीन फिंगर 5 तक दावा जताने लगा, इसलिए उसे दो टूक समझाया गया कि अपनी पोजिशन पर वापस चला जाए, हालात अच्छे बने रहेंगे। हालांकि इसपर चीन ने अभी कोई डायरेक्ट कमिटमेंट नहीं किया। फिंगर 4 और फिंगर 5 को लेकर दोनों सेनाओं के कमांडर्स दोबारा बात करेंगे। 

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