Thursday, April 25, 2024
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हिमाचल सरकार ने जबरन धर्मांतरण पर रोक के लिए विस में विधेयक पेश किया

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ विधेयक पेश किया। यह पारित होने के बाद पुराने कानून की जगह लेगा और इसमें सात साल तक की सजा का प्रावधान है। 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: August 29, 2019 21:47 IST
Jairam Thakur- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA प्रतिकात्मक तस्वीर

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ विधेयक पेश किया। यह पारित होने के बाद पुराने कानून की जगह लेगा और इसमें सात साल तक की सजा का प्रावधान है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2019 विधानसभा में पेश किया जिस पर शुक्रवार को चर्चा होगी।

अगर यह विधेयक पारित होता है तो यह हिमाचल प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2006 का स्थान लेगा। प्रस्तावित विधेयक, बहकाने, जबरन, अनुचित तरीके से प्रभावित करना, दबाव, लालच, शादी या किसी भी धोखाधड़ी के तरीके से धर्म परिवर्तन पर रोक लगाता है।

विधेयक में कहा गया है कि अगर कोई शख्स अपना मजहब बदलना चाहता है तो उसे कम से कम एक महीने पहले अनिवार्य घोषणापत्र देना होगा। यह शर्त अपने मूल धर्मं में वापस आने वाले व्यक्ति पर लागू नहीं होगी। धर्मांतरण के लिए भड़काने वाले व्यक्ति को एक से लेकर पांच साल तक की सज़ा हो सकती है। अगर दलित, महिला या नाबालिग का जबरन धर्मांतरण कराया जाता है तो दो से सात साल तक की जेल की सज़ा मिल सकती है। 

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