Saturday, April 20, 2024
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चीन के साथ LAC पर तनाव के बीच वायुसेना चीफ ने प्रमुख एयरबेस का किया दौरा, जानिए ताजा अपडेट

वायुसेना प्रमुख आर.के.एस. भदौरिया ने चीन के साथ सीमा पर तनाव बढ़ने के मद्देनजर अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बल की अभियान संबंधी तैयारियों की समीक्षा की है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 03, 2020 17:35 IST
IAF chief Rakesh Kumar Singh Bhadauria- India TV Hindi
Image Source : TWITTER IAF chief Rakesh Kumar Singh Bhadauria

नयी दिल्ली। वायुसेना प्रमुख आर.के.एस. भदौरिया ने चीन के साथ सीमा पर तनाव बढ़ने के मद्देनजर अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बल की अभियान संबंधी तैयारियों की समीक्षा की है। अधिकारियों ने गुरुवार (3 सितंबर) को यह जानकारी दी। वायुसेना के प्रवक्ता ने वायुसेना के ठिकानों के नामों का उल्लेख किये बगैर कहा, 'एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने बुधवार (2 सितंबर) को पूर्वी वायु (सेना) कमान में अग्रिम एयर बेस का दौरा किया।' वायुसेना की पूर्वी कमान का मुख्यालय शिलांग में है, जो सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश में एलएसी से लगे संवेदनशील इलाकों और क्षेत्र के कई अन्य हिस्सों में हवाई रक्षा की देखभाल करता है। भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार (3 सितंबर) को भी भारतीय और चीनी सेना की पूर्वी लद्दाख के चुशुल में ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत चल रही है। बैठक खुले क्षेत्र में हो रही है।

लद्दाख पहुंचे आर्मी चीफ, अग्रिम मोर्चे पर तैयारियों का लेंगे जायजा

पूर्वी लद्दाख में LAC पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे दो दिन के लद्धाख दौरे पर पहुंच चुके हैं। यहां वह फील्ड कमांडरों से अग्रिम मोर्चे पर तैयारियों का जायजा लेंगे। अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान सेना प्रमुख उन सैनिकों की तैयारियों की भी समीक्षा करेंगे, जो बीते तीन महीने से चीनी सैनिकों के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं। बता दें कि, पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुए ताजा टकराव से तनाव बढ़ा हुआ है। दोनों देशों के बीच गतिरोध कम करने को लेकर बीते दो दिनों से लगातार ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता हो रही है। हालांकि, इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका है।

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3,400 किमी लंबी एलएसी पर सतर्कता बढ़ी

थल सेना और वायुसेना ने करीब 3,400 किमी लंबी एलएसी पर सभी अहम ठिकानों पर सतर्कता बढ़ा दी है। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर यथा स्थिति में बदलाव करने की चीन की हालिया कोशिश के बाद ऐसा किया गया है। वायुसेना प्रवक्ता ने कहा कि वायुसेना प्रमुख को कमान के तहत लड़ाकू इकाइयों की 'तैयारियों की स्थिति' और अभियानगत तैयारियों के बारे में अवगत कराया गया। अधिकारी ने कहा, 'एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने इन इकाइयों में सेवारत वायुसेना के जांबाज जवानों से भी अपने दौरे पर बातचीत की। उन्होंने सभी भूमिकाओं के निर्वहन में वायुसेना ठिकाने के कर्मियों के लक्ष्य केंद्रित प्रयासों की भी सराहना की और उनसे पूरी कर्मठता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने को कहा।' 

एलएसी पर नजर बनाए हुए है वायु सेना

मई की शुरूआत में पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प होने से उपजे सीमा विवाद के बाद से वायुसेना प्रमुख नियमित रूप से एलएसी से लगे वायु सेना के अहम ठिकानों का दौरा कर रहे हैं। जून में भदौरिया ने वायुसेना की संपूर्ण तैयारियों की समीक्षा के लिये बल के लद्दाख और श्रीनगर स्थित ठिकानों का दौरा किया था। पिछले दो महीने में वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अन्य स्थानों में अहम सीमांत एयर बेस पर अग्रिम मोर्चे के अपने लगभग सभी श्रेणी के लड़ाकू विमानों को तैनात किया है, जिनमें सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 200 लड़ाकू विमान शामिल हैं। 

Chinook and Apache Helicopters

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अग्रिम स्थानों पर हमलावर हेलीकॉप्टर अपाचे और चिनूक किए गए तैनात

वायुसेना ने अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टर और सैनिकों को क्षेत्र में विभिन्न अग्रिम स्थानों पर पहुंचाने के लिये चिनूक हेलीकॉप्टर भी तैनात किये हैं। सोमवार को, थल सेना ने कहा कि चीनी सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात यथा स्थिति में एकतरफा बदलाव करने के इरादे से उकसाने वाली सैन्य गतिविधियां की, लेकिन उसकी यह कोशिश भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने एक दिन पहले उकसाने वाली हरकत की थी, जब दोनों पक्षों के कमांडर तनाव दूर करने के लिये वार्ता कर रहे थे। 

सेना ने चीन को दिया करारा जवाब

आपको बता दें कि बीते 29 और 30 अगस्त की रात चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर घुसपैठ की कोशिश की, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। चीन की ऐसी हरकतों के कारण भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के आसपास सामरिक महत्व की कई ऊंची चोटियों तथा पूरे क्षेत्र में जवानों की तैनाती बढ़ा रखी है। भारतीय वायुसेना को भी पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन की बढ़ती गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चौकसी बढ़ाने को कहा गया है।

रक्षा मंत्री कर चुके हैं दौरा

हाल ही में चीन से तनाव के बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ-साथ लेह का दौरा किया था। रक्षामंत्री लद्दाख दौरे के दौरान स्थानीय सैन्य कमांडरों के साथ एलएसी पर टकराव और सैन्य तैनाती की समीक्षा की थी।

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