Tuesday, March 19, 2024
Advertisement

लद्दाख सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत-चीन सैन्य, राजनयिक स्तर पर कर रहे बात: विदेश मंत्रालय

भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध को सुलझाने के लिए वह चीन के साथ सैन्य और राजनयिक स्तर पर बात कर रहा है।

Bhasha Written by: Bhasha
Updated on: May 28, 2020 23:53 IST
Ladakh- India TV Hindi
Image Source : AP (FILE) Representational Image

नई दिल्ली. भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध को सुलझाने के लिए वह चीन के साथ सैन्य और राजनयिक स्तर पर बात कर रहा है। साथ ही यह भी कहा कि देश अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने के अपने सकंल्प पर ‘‘अटल’’ है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और भारतीय सैनिक सीमा प्रबंधन को लेकर बहुत जिम्मेदार रुख अपनाते हैं।

उन्होंने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में उत्पन्न हो सकने वाली स्थितियों का वार्ता के जरिए शांतिपूर्ण समाधान करने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तरों पर तंत्र स्थापित किए हैं और इन माध्यमों से चर्चा जारी रहती है।’’ पूर्वी लद्दाख में पैंगोग त्सो, गलवान घाटी, देमचौक और दौलत बेग ओल्डी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच तीन सप्ताह से जारी तनावपूर्ण गतिरोध के बीच श्रीवास्तव ने वार्ता के जरिए मुद्दे का समाधान करने के लिए प्रयास जारी होने की यह बात कही है।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना ने संबंधित क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सैनिकों, वाहनों और तोपों सहित सैन्य कुमुक भेजी हैं जहां चीनी सैनिक आक्रामक तेवर दिखा रहे हैं। चीन के राजदूत सुन वीडोंग ने बुधवार को एक प्रकार से मेल-मिलाप की भाषा में कहा कि भारत और चीन ने कभी भी मतभेदों की छाया अपने समूचे द्विपक्षीय संबंधों पर नहीं पड़ने दी है और वे इस आधारभूत सिद्धांत को मानते हैं कि दोनों देश एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारतीय सैनिक सीमा प्रबंधन की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण रुख अपनाते हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में उठ सकने वाले किसी भी मुद्दे के समाधान के लिए चीन के साथ विभिन्न द्विपक्षीय संबंधों और प्रोटोकॉल में तय की गईं प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत चीन से लगते सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरिता बनाए रखने के उद्देश्य के प्रति कटिबद्ध है और हमारे सशस्त्र बल हमारे नेताओं के बीच बनी सहमति और उपलब्ध दिशा-निर्देशों का ईमानदारी से पालन करते हैं।’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की यह टिप्पणी पिछले सप्ताह की उनकी टिप्पणी की तुलना में थोड़ी मेल-मिलाप वाली लगती है। पिछले सप्ताह उन्होंने कहा था कि चीनी सैनिक एलएसी पर भारतीय सैनिकों की सामान्य गश्त को बाधित कर रहे हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने बुधवार को कहा था कि मुद्दों को वार्ता और चर्चा के माध्यम से सुलझाने के लिए चीन और भारत के पास उचित तंत्र और संपर्क माध्यम हैं।

मीडिया ब्रीफिंग में श्रीवास्तव ने सीमा मुद्दे के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच विभिन्न द्विपक्षीय संबंधों और प्रोटोकॉल का उल्लेख किया। उन्होंने सीमा पर शांति एवं स्थिरता बनाए रखने तथा सीमा मुद्दों के वार्ता के जरिए समाधान के लिए भारत और चीन के बीच 1993, 1996, 2005 और 2012 में हुए समझौतों का जिक्र किया। पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब बिगड़ी जब करीब 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच पांच मई को हिंसक झड़प हुई। इसके बाद नौ मई को उत्तरी सिक्किम में भी इसी तरह की घटना हुई थी। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement